गुर्जर प्रतिहार राजवंश




वत्सराज (783-795 ई.) :-

  • इन्होंनेरणहस्तिन की उपाधि धारण की थी।
  • इसे गुर्जर-प्रतिहार वंश कावास्तविक संस्थापक माना जाता है।
  • वत्सराज के शासन काल में 778 ई. मेंउद्योतन सूरी ने जालौर में कुवलयमाला प्राकृत भाषा में और 783 ई. आचार्य जिनसेन सूरी ने हरिवंश पुराण ग्रन्थ की रचना की।
  • ओसियां के जैन मंदिर प्रतिहार शासक वत्सराज के समय निर्मित हैं।




त्रिपक्षीय/त्रिकोणात्मक संघर्ष :-

  1. उत्तरी-पश्चिमी भारत – गुर्जर-प्रतिहार
  2. दक्षिणी भारत – राष्ट्रकूट
  3. बंगाल – पाल वंश




त्रिकोणात्मकसंघर्ष की शुरुआत गुर्जरप्रतिहार नरेश वत्सराज ने की थी।

  • यह संघर्ष 150 वर्षों तक (लगभग) चला और इसको प्रारंभ गुर्जर-प्रतिहारों ने किया तथा अंतिम विजय भी इनकी ही हुई थी।
  • वत्सराज ने इन्द्रायुध को पराजित कर कन्नौज पर अधिकार किया और इन्द्रायुध को अपना सामन्त बनाया।
  • इन्द्रायुध के भाई चक्रायुध ने बंगाल के पाल शासक धर्मपाल की सैन्य सहायता से कन्नौज पर अधिकार कर लिया। धर्मपाल ने चक्रायुध को कन्नौज का शासक नियुक्त किया।
  • वत्सराज ने धर्मपाल को पराजित किया।
  • राष्ट्रकूट शासक ध्रुव प्रथम ने उज्जैन व कन्नौज पर अधिकार कर लिया और वत्सराज वहां से जालौर की ओर मरुस्थल में चला गया। इस युद्ध की जानकारीराधनपुर और वनीडिंडोरी अभिलखों से मिलती है।




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