महाराजा गंगासिंह (1887-1943 ई.) :-
- इन्होंने 1913 ई. में‘प्रजा प्रतिनिधि’ सभा की स्थापना की।
- इन्होंने 1921 ई. में देशी रियासतों के एक संघ‘नरेंद्र मंडल’ का गठन किया और 1921-1925 ई. तक ये प्रथम चांसलर रहे।
- 1927 ई. मेंगंग नहर का निर्माण करवाया और इसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन ‘वायसराय लॉर्ड इरविन’ ने किया।
- 1927 ई. में गंगासिंह‘बटलर समिति’ के समक्ष मांग की कि उनके संबंध भारत सरकार से न होकर इंग्लैंड के राजतंत्र से माने जाएं।
- गंगासिंह ने तीन‘गोलमेज सम्मेलनों’ (1930, 1931, 1932 ई. लंदन) में भाग लिया।
- महाराजा गंगासिंह ने लंदन से भारत लौटते समय एक नोट लिखा जो‘रोम नोट’ के नाम से प्रसिद्ध है। उन्होंने 15 मई, 1917 को ऑस्टिन चेम्बरलेन को उस नोट को अग्रेषित किया।
- 1900 ई. में चीन के‘बॉक्सर विद्रोह’ में अंग्रेजों की मदद की तथा अंग्रेजों ने इनको ‘केसर-ए-हिंद’ की उपाधि दी गई।
- 1919 ई.‘पेरिस सम्मेलन’ में देशी रियासतों के रूप हस्ताक्षर किए।
- 1916 ई. मेंमदनमोहन मालवीय को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के लिए आर्थिक सहायता दी तथा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के आजीवन चांसलर रहे थे।
- गंगासिंह ने द्वितीय विश्व युद्ध में अंग्रेजों के पक्ष में अपनी विख्यात ‘ऊंटोंकी सेना (कैमल कॉर्प)’ ब्रिटेन भेजी और इस सेना को ‘गंगा रिसाला’ कहते थे।
- बीकानेर का वर्तमान स्वरूप महाराजा गंगासिंह की देन है। इनके समय बीकानेर में‘न्याय सुधार’, ‘जेल सुधार’, ‘स्थानीय स्वशासन’ आदि इनके समय विकसित हुए।
- महाराजा गंगासिंह के कार्यकाल में 1891 ई. में सड़क निर्माण के लिए पी.डब्ल्यू.डी. (सार्वजनिक निर्माण विभाग) की स्थापना हुई।
- इनके शासन काल में (1899-1900 ई. तक) भयंकर अकाल पड़ा, जिसे‘छप्पनिया अकाल’ के नाम से जाना जाता है।
- छप्पनिया अकाल में गंगासिंह ने बीकानेर में‘शहरपनाह’ व ‘गजनेर’ झील का निर्माण करवाया।
- महाराज गंगासिंह ने अपने पिता लालसिंह की याद मेंलालगढ़ पैलेस का निर्माण करवाया।
- इन्हीं के काल में बीकानेर में डूंगर कॉलेज की स्थापना हुई।
- महाराजा गंगासिंह की मृत्यु2 फरवरी, 1943 ई. को बम्बई में हुई।
महाराजा सार्दूल सिंह (1943-1949 ई.) :-
- बीकानेर रियासत के अंतिम राजा सार्दूल सिंह थे।
- यह भारत के प्रथम शासक थे जिन्होंने 7 अगस्त, 1947 को भारत के विलय पत्र‘इन्स्टूमेंट ऑफ एक्सेशन’ पर सर्वप्रथम हस्ताक्षर किए।