राजस्थान मे पर्यटन नोट्स



  1. जयपुर
  • राजस्थान की राजधानी जयपुर (गुलाबी नगर) की नींव 25 नवम्बर, 1727 ई. को तत्कालीन महाराजा सवाई जयसिंह द्वारा रखी गई थी।
  • इसका नगर नियोजन विद्याधर भट्‌टाचार्य ने किया था।
  • नगर की बनावट आयताकार है।
  • पुराने शहर के चारों ओर 8 प्रवेश द्वार हैं, जो हैं – सांगानेरी गेट, घाट गेट व न्यू गेट, उत्तर में ध्रुव गेट, दक्षिण में अजमेरी गेट, पूर्व में सूरज पोल गेट व पश्चिम में चाँदपोल गेट।

जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल

(a)  हवामहल –

  • यह पाँच मंजिलाें वाला गोल और आगे निकले झरोखों और खिड़कियों से युक्त पिरामिड के समान है।
  • हवामहल की वैज्ञानिक संरचना इस प्रकार है कि इसमें लगातार तेज हवा आती रहती है।
  • हवामहल का निर्माण 1799 ई. में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने करवाया था।
  • यह लाल और गुलाबी पत्थर से निर्मित स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना है।
  • हवामहल में कुल 5 मंजिलें हैं, जो हैं – शरद मंदिर, रत्न मंदिर, विचित्र मंदिर, सूर्य/प्रकाश मंदिर, हवा मंदिर।

(b) जंतर-मंतर –

  • जयपुर में स्थित जंतर-मंतर एक खगोलीय वैधशाला है, जिसका निर्माण सवाई जयसिंह द्वारा 1724 ई. से 1734 ई. के बीच में करवाया गया।
  • यह यूनेस्को के विश्व-धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है।
  • इस वैधशाला में स्थित प्रमुख यंत्र समय मापने, ग्रहण की भविष्यवाणी करने, किसी तारे की स्थिति जानने और सौरमण्डल के ग्रहों को देखने, जानने आदि में सहायक है।

(c)  राजमहल (सिटी पैलेस) –

  • यह जयपुर में स्थित राजपूत व मुगल शैलियों की मिश्रित स्थापत्य कला का नमूना है।
  • राजमहल के चारों ओर पक्की दीवार है, जिसमें प्रवेश हेतु 7 द्वार हैं।
  • दक्षिण का द्वार त्रिपोलिया कहलाता है, जो केवल राजपरिवार के सदस्यों के लिये प्रयोग में लाया जाता था।
  • इसके दीवान-ए-आम में महाराजा का निजी पुस्तकालय (पोथीखाना) तथा सिलेह खाना (शस्त्रागार) स्थित है।

(d) चंद्रमहल –

  • यह जयपुर के महाराजा जयसिंह द्वितीय द्वारा निर्मित किया गया है, जो सिटी पैलेस परिसर में स्थित है।
  • वर्तमान में यह जयपुर के महाराजा का निवास स्थान है।

(e)  रामनिवास बाग –

  • यह महाराजा रामसिंह द्वितीय द्वारा 1865 ई. में निर्मित एक महत्त्वपूर्ण उद्यान नगर के रूप में है।
  • इसमें अल्बर्ट हॉल, अजायबघर, रवींद्रकला मंच, चिड़ियाघर आदि स्थित हैं।

(f)  गैटोर –

  • जयपुर के नाहरगढ़ किले की तलहटी में जयपुर के दिवंगत महाराजाओं की छतरियाँ स्थित हैं।
  • इस स्थान को ही गैटोर कहा जाता है।
  • यह हिंदू और इस्लामिक स्थापत्यकला का नमूना है।

(g) नाहरगढ़ –

  • इसका निर्माण सवाई जयसिंह द्वितीय ने 1734 ई. में करवाया था।
  • नाहरगढ़ का दुर्ग जयपुर को घेरे हुए अरावली पर्वतमालाओं के ऊपर स्थित है।
  • इसमें स्थित हवा मंदिर व माध्वेन्द्र भवन स्थापत्यकला के उत्कृष्ट नमूने हैं।

(h) विद्याधर बाग –

  • जयपुर आगरा मार्ग पर स्थित यह एक आकर्षक उद्यान है।

(i)  सांगानेर –

  • यह प्राचीन राजपूत नगर है, जो 11वीं शताब्दी के संधीजी के जैन मंदिर के लिये प्रसिद्ध है।
  • यह संगमरमर से निर्मित स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना है।
  • यह नगर हस्तछपाई और कागज के कार्यों के लिये प्रसिद्ध है।
  • यहाँ पर जयपुर हवाई अड्‌डा भी स्थित है।

(j)  आमेर महल –

  • आमेर महल माओटा झील के किनारे पहाड़ी पर निर्मित है।
  • इसके मुख्य द्वार पर जयपुर के राजाअों की कुलदेवी शीलामाता का मंदिर है।
  • इसमें स्थित शीशमहल स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
  • यहाँ का जयगढ़ किला भी अत्यंत प्रसिद्ध है।
  1. उदयपुर
  • इस नगर की स्थापना 1568 ई. में महाराणा उदय सिंह द्वारा की गई थी।
  • इसे राजस्थान का कश्मीर, वेनिस ऑफ द ईस्ट, झीलों की नगरी/रानी के रूप में भी जाना जाता है।



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