राजस्थान एकीकरण

राजस्थान का एकीकरण

– ऋग्वेद में राजस्थान के लिए ‘ब्रह्मवर्त’ शब्द का प्रयोग किया गया है।
– रामायण में राजस्थान के लिए ‘मरुकान्तर’ शब्द का प्रयोग किया गया है।
– राजस्थान शब्द का प्रथम प्रयोग विक्रम सवंत 682 के बसंतगढ़ शिलालेख, सिरोही में खीमल माता मंदिर से मिलता है। बसंतगढ़ शिलालेख में राजस्थानियादित्य शब्द का उल्लेख मिलता है।
– बसंतगढ़ शिलालेख चावड़ा शासक वर्मलात के समय का है। इस शिलालेख से हमें दास प्रथा के बारे में भी जानकारी मिलती है।
– राजस्थान के लिए राजपूताना शब्द का प्रयोग सबसे पहले जॉर्ज थॉमस के द्वारा 1800 ई. में किया गया। जॉर्ज थॉमस मूलत: आयरलैण्ड का निवासी था। राजस्थान में इसका संबंध शेखावाटी एवं बीकानेर क्षेत्र से रहा।
– कर्नल जेम्स टॉड ने 1829 ई. में अपने ग्रंथ ‘द एनाल्स एण्ड एन्टिक्वीटीज ऑफ राजस्थान’ में सर्वप्रथम रायथान अथवा रजवाड़ा शब्द का प्रयोग किया। जेम्स टॉड ने यह ग्रंथ अपने गुरु जैनयति ज्ञानचन्द्र को समर्पित किया।



– ‘द एनाल्स एण्ड एन्टिक्वीटीज ऑफ राजस्थान’ ग्रंथ दो खण्डों में है जिसके प्रथम खंड में राजपूताने की भौगोलिक स्थिति, राजपूतों की वंशावली, सामंती व्यवस्था और मेवाड़ का इतिहास है तथा इसके द्वितीय खंड में  मारवाड़, बीकानेर, आमेर, जैसलमेर और हाड़ौती राज्यों का इतिहास लिखा है।
– जेम्स टॉड ने अपना यात्रा वृतांत ‘ट्रेवल इन वेस्टर्न इंडिया’ नामक ग्रंथ में लिखा जिसे उन्होंने विलियम हण्टर ब्लेयर को समर्पित किया। इस ग्रंथ का प्रकाशन जेम्स टॉड की मृत्यु के पश्चात इनकी पत्नी जूलिया क्लटरबक ने 1839 ई. में किया।
– कर्नल जेम्स टॉड को राजस्थान के इतिहास का पितामाह और ‘घोड़े वाले बाबा’ उपनाम से भी जाना जाता है।
– 26 जनवरी, 1950 ई. को राजपूताना का नाम बदलकर राजस्थान रखा गया। वहीं राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में 1 नवम्बर, 1956 ई. को आया इसलिए 1 नवम्बर को राजस्थान स्थापना दिवस मनाया जाता है।
– राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में पूर्ण हुआ। इस प्रक्रिया में 8 वर्ष 7 महीने 14 दिन का समय लगा।
– एकीकरण के समय राजस्थान में 19 रियासतें, तीन ठिकाने व एक केन्द्रशासित प्रदेश था।
– राजस्थान की प्राचीनतम रियासत मेवाड़/उदयपुर थी। इसकी स्थापना गुहिल/गुहादित्य के द्वारा 565 ई. की गई।
– राजस्थान की नवीनतम रियासत झालावाड़ थी इसकी स्थापना झाला मदनसिंह द्वारा 1838 ई. में की गई। झालावाड़ अंग्रेजों द्वारा स्थापित एक मात्र रियासत थी जिसे कोटा से अलग करके बनाया गया और इसकी राजधानी पाटन रखी गई।
– राजस्थान में सर्वाधिक जनसंख्या वाली रियासत जयपुर थी। जिसकी जनसंख्या 1941 ई. की जनगणना के अनुसार 30 लाख थी।
– सर्वाधिक क्षेत्रफल वाली रियासत मारवाड़/जोधपुर थी जिसका क्षेत्रफल 16071 वर्ग मील थी।
– सबसे कम जनसंख्या वाली रियासत शाहपुरा थी। जिसकी जनसंख्या 1941 ई. की जनगणना के अनुसार 16000 थी।
– सबसे कम क्षेत्रफल वाली रियासत शाहपुरा भीलवाड़ा थी जिसका क्षेत्रफल 1450 वर्गमील था।



– भारत स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 की धारा 8 के तहत भारत की सभी रियासतों से ब्रिटिश प्रभुसत्ता समाप्त हो गई। देशी रियासतों का यह अधिकार सुरक्षित रखा गया की वे या तो भारत संघ में मिले या पाकिस्तान में मिले अथवा स्वयं का स्वतंत्र अस्तित्व बनाए रखे।
– देशी रियासतों की समस्या का हल करने के लिए लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में रियासती विभाग का गठन 5 जुलाई, 1947 ई.  को किया गया। इस विभाग का सचिव वी.पी. मेनन को बनाया गया।
– रियासती विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली प्रथम रियासत बीकानेर थी।
– बीकानेर के शासक शार्दुल सिंह ने 7 अगस्त, 1947 ई. को सर्वप्रथम रियासती विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए।
– रियासती विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली अंतिम रियासत धौलपुर थी। धौलपुर के शासक उदयभान सिंह ने 14 अगस्त, 1947 ई. को रियासती विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए।


2 thoughts on “राजस्थान एकीकरण”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *