राजस्थान में ऋतुएँ
- भूगोल में ऋतुएँ: (1) ग्रीष्म (2) वर्षा (3) शरद् (4) शीत।
- संस्कृत के अनुसार :(1) वसन्त – फाल्गुन-चैत्र (2) ग्रीष्म – वैशाख-ज्येष्ठ (3) वर्षा – आषाढ़-सावन (4) शरद् – भाद्रपद-आश्विन (5) हेमन्त – कार्तिक-मार्गशीर्ष (6) शिशिर – पोष-माघ।
(1) ग्रीष्म ऋतु :
- गर्म – शुष्क हवाएँ –लू। (प. से पूर्व की और चलती है।)
- ये हवाएं यदि चक्रवात के रूप में चलती है तो इन्हेंभभूल्या कहते हैं। भभूल्या की उत्पति संवहनी धाराओं के कारण होती है।
- सबसे गर्म व शुष्क स्थान – फलौदी (जोधपुर)।
- राजस्थान का सबसे गर्म जिला – चूरू।
- अब तक का सबसे गर्म वर्ष – 2010 रहा।
- दैनिक तापान्तर व वार्षिक तापान्तर :दैनिक तापान्तर सर्वाधिक जैसलमेर में है।
- दैनिक व वार्षिक तापान्तर में न्यूनतम अन्तर डूंगरपुर में मिलता है।
- सर्वाधिक वार्षिक तापान्तर चूरू में मिलता है।
- सबसे गर्म महीना जून है।
- जून को सूर्यबाँसवाड़ा जिले में लम्बवत् चमकता है।
- ग्रीष्म ऋतु मार्च से लेकर जून तक होती है।
- थार मरूस्थल भारत में अत्यधिक गर्म प्रदेशों में से एक है क्योंकि यहां दैनिक परिसर अधिक है।
- राजस्थान का पश्चिमी भाग में निम्न वायुदाब का केन्द्र उत्पन्न हो जाता है।
- ग्रीष्मऋतु में राजस्थान में सूर्य की तीव्र किरणों, अत्यधिक तापमान, शुष्क व गर्म हवाओं, वाष्पीकरण की अधिकता के कारण आर्द्रता में कमी हो जाती है।