(2) वर्षा ऋतु :
- राजस्थान वर्षा ऋतु में प्राप्त वर्षादक्षिण पश्चिम मानसून की बंगाल की खाड़ी शाखा से होती है।
- मानसून अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ – मौसम / ऋतु / हवाओं की दिशा में परिवर्तन होता है।
- प्रथम सदी में एक अरबी नाविक ‘हिप्पौलस‘ ने मानसून की खोज की (अवधारणा दी) थी।
– भारतीय मानसून की उत्पत्ति- इसकी उत्पत्ति हिन्दमहासागर में मेडागास्कर द्वीप के पास से मानी जाती है क्योंकि मई के माह में उच्च ताप व निम्न वायुदाब होता है इस कारण हवाएं मेडागास्कर के पास से दक्षिण-पश्चिम दिशा बहती हुई भारत की ओर आती है तथा सबसे पहले केरल तट पर वर्षा करती है। यहां मानसून दो भागों में बंट जाता है-
(A) अरब सागर का मानसून– यह भारत के पश्चिमी तट पर वर्षा करता हुआ गुजरात काठिया वाड़ में वर्षा कर राजस्थान में प्रवेश करता है।
- राजस्थान में प्रवेश करता है परन्तु राजस्थान में वर्षा नहीं करता क्योंकि अरावली पर्वतमाला की स्थिति इसके समानान्तर है। इसके पश्चात् हिमालय की तराई क्षेत्र पंजाब व हिमाचल में वर्षा करता है।
(B) बंगाल की खाड़ी का मानसून– यह तमिलनाडु में वर्षा कर बंगाल की खाड़ी की आर्द्रता को ग्रहण कर उत्तर-पूर्व के राज्यों में घनघोर वर्षा करता है।
- माँसिनराम (मेघालय)विश्व का सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान यहीं है।
- दूसरा सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान चेरापूंजी का नाम अबसोहरा कर दिया गया है।
- इसके पश्चात् पश्चिम बंगाल, बिहार व उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश में वर्षा करता हुआ, झालावाड़ जिले में राजस्थान में प्रवेश करता है।
- सर्वाधिक वर्षा वाला जिलाझालावाड़ (40 दिन)।
- दूसरा सर्वाधिक वर्षावाला जिला बांसवाड़ा।
- न्यूनतम वर्षा वाला जिला जैसलमेर (5 दिन)।
- न्यूनतम वर्षा वाला स्थान – फलौदी।
- सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान – माऊण्ट आबू (153 सेमी. वार्षिक)।
- राजस्थान में वर्षा जून से सितम्बर की अवधि में होती है।
- 50 सेमी. की सम वर्षा रेखा राज्य को दो विभागों में बांटती है। इस रेखा के दक्षिण और पूर्व में वर्षा अधिक होती है।
- 25 सेमी. की वर्षा रेखा द्वारा पश्चिमी राजस्थान को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है – (A)शुष्क प्रदेश (B) अर्द्ध शुष्क प्रदेश।
- राजस्थान में वर्षा का वार्षिक औसत 51 सेमी. है।
- वर्षा की मात्रा द.-पू. से उ.-प. की और कम होती जाती है।
(3) शरद् ऋतु :
- मानसून लौटने (प्रत्यावर्तन) का काल। इस ऋतु में सबसे धीमी हवाएँ चलती हैं। नवम्बर के माह में।
- मानसून प्रत्यावर्तन का काल -: अक्टुम्बर-दिसम्बर के प्रारम्भ तक।
(4) शीत ऋतु :
- राजस्थान का सबसे ठण्डा माह जनवरी है। सबसे ठण्डा जिला – चूरू। सबसे ठण्डा स्थान – माऊण्ट आबू। दूसरा सबसे ठण्डा स्थान – डबोक (उदयपुर)।
- राजस्थान में शीत ऋतु में उत्तर-पूर्वी मानसून से या भूमध्यसागरीय मानसून या पश्चिमी विक्षोभों से होने वाली वर्षा कोमावठ कहते हैं।
- राज्य में भारतीय मौसम विभाग की वैधशालाजयपुर में है।
- राजस्थान में सम्भावित वाष्पन-वाष्पोत्सर्जन वार्षिक दर सबसे अधिकजैसलमेर जिले में है।
- वर्षा की मात्रा राज्य में द-पू. से उत्तर – पश्चिम की और कम होती जाती है।
- मानसून प्रत्यावर्तन का काल -: अक्टुम्बर – दिसम्बर के प्रारम्भ तक।