राजस्थान में उद्योगों को बढावा देने हेतु सरकार
द्वारा किये जा रहे प्रयास
- रिसर्जेन्ट राजस्थान सम्मेलन: राजस्थान में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए जयपुर में 19-20 नवम्बर, 2015 को आयोजित किया गया।
- इसका उद्देश्य राज्य में निवेश प्रोत्साहित करना, बड़ी संख्या में रोजगार सृजित करना, राज्य के सामाजिक व आर्थिक विकास को गति देना एवं लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना था।
- ई-गवर्नेस व आईटी नीति, 2015:मुख्यमंत्री ने नवीन सूचना प्रौद्योगिकी नीति 5 नवम्बर, 2015 को जारी की।
- राज्य के छात्रो और युवाओं, निवेशकों और स्टार्ट-अप समुदाय को राजस्थान में प्रारम्भिक चरण Startups के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए दो दिवसीयराजस्थान स्टार्टअप उत्सव 9-10 अक्टूबर, 2015 को जयपुर में आयोजित किया गया।
- राजस्थान सरकार ने 9 अक्टूबर, 2015 को प्रदेश की स्टार्टअप पॉलिसी लांच की। इस पॉलिसी के माध्यम से ऐसे उद्यमी युवाओं को सहायता प्रदान की जाएगी जिनके पास लीक से हटकर अपना नया बिजनस प्लान है और वे स्वयं का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं।
- केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश एवं गुजरात के बाद ऐसी पॉलिसी जारी करने वाला राजस्थान देश का पाँचवाँ राज्य एवं उत्तर भारत का पहला राज्य है।
- राज्य में दक्ष कामगारों की उपलब्धता हेतु रीको द्वाराभिवाड़ी में स्किल डवलपमेंट सेंटर स्थापित किया गया हैं जिसके संचालन के लिए एनटीटीएफ, बैंगलूरू से दिनांक 5 नवम्बर, 2015 को एमओयू हस्ताक्षरित किया गया है।
- एमएसएमई नीति :-20 नवम्बर 2015 को राज्य की नई लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग नीति-2015 जारी की गई है। इस नीति में नये उद्योगों के लिए 5 से 7 प्रतिशत की दर पर ऋण सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। इस नीति के साथ राजस्थान सिक माइक्रो एंड स्माल एंटरप्राइजेज (रिवाइवल एण्ड रिहेबिलिटेशन) स्कीम-2015 को भी जोड़ा गया।
- राजस्थान जैव प्रौद्योगिकी नीति, 2015:- जैव प्रोद्योगिकी (बायो टेक्नोलॉजी) क्षेत्र में विकास की प्रबल सम्भावनाओं को देखते हुए इस क्षेत्र में निवेश व रोजगार सृजन के लिए जैव प्रौद्योगिकी नीति 2015 जारी की गई है।
- वस्त्र-2015:यह अंतर्राष्ट्रीय टैक्सटाइल मेला 28-30 सितम्बर, 2015 तक सीतापुरा, जयपुर में आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केन्द्रीय कपड़ा राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने मेले का उद्घाटन किया।
- स्टोनमार्ट-2015: 9वाँ इंडिया स्टोनमार्ट 2-5 फरवरी, 2017 जयपुर (राजस्थान) में आयोजित हुआ।
- यह पत्थर से संबंधित उद्योगों की सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय प्रदशर्नी है जो पत्थर उद्योग के घरेलू व विदेशी सभी उत्पादकों, निर्यातकों, बिल्डर्स, आर्किटेक्टर्स व विशेषज्ञों को एक मंच प्रदान करता है।
- स्टोना, 2016: फैडरेशन ऑफ इंडिया ग्रेनाइट एंड स्टोन इंडस्ट्री (फिगसी) द्वारा यह 12 वाँ अंतरराष्ट्रीय ग्रेनाइट व स्टोन फेयर 3-6 फरवरी, 2016 तक बैंगलुरू में आयोजित किया गया ।
- 15-17 जनवरी, 2015 तक‘सीआईआई पार्टनरशिप समिट’ का आयोजन जयपुर में बिड़ला ऑडिटोरियम में हुआ। इसमें मुख्यमंत्री श्रीमति वसुंधरा राजे ने ‘मेक इन इंडिया’ के साथ ‘मेक इन राजस्थान’ का नारा दिया।
- जेसीबी (इण्डिया) की इकाई की स्थापना
- ब्रिटेन की जेसीबी (इण्डिया) लि. द्वारा महिन्द्रा सेज, जयपुर में अर्थमूविंग तथा मैटेरियल हैण्डलिंग इक्विपमेंट इकाई की स्थापना की गई है।
- 14 नवंबर, 2014 को मुख्यमंत्री द्वारा इसका उद्घाटन किया गया।
- जेसीबी ने 1979 में भारत में अपना पहला प्लांट लगाया था। इसके दो प्लांट पुणे और एक बल्लभगढ़ (हरियाणा) में हैं।
- ई-बिज परियोजनाःराष्ट्रीय ई-गवर्नेन्स योजना के अंतर्गत भारत सरकार की औद्योगिक नीति एवं प्रोत्साहन विभाग द्वारा ई-बिज परियोजना प्रारम्भ की गई है।
- राजस्थान को इस परियोजना में पायलट राज्य के तौर पर सम्मिलित किया गया है।
- ई-ब्रिज परियोजना का उद्देश्य निवेश की विभिन्न मंजूरी की प्रक्रियाओं को सरल व विलंब रहित बनाते हुए निवेशकों के लिए एकल खिड़की सेवाएँ उपलब्ध कराना है।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
सूचना तकनीक पार्क :- सीतापुरा (जयपुर), कोटा, जोधपुर, उदयपुर भिवाड़ी (अलवर)।
फरवरी 2009 में भीलवाड़ा को कपड़ा निर्यातक शहर का दर्जा।
– राजस्थान में जिला केन्द्र :- 36
– राजस्थान में उप जिला केन्द्र :- 8 (ब्यावर, फालना, आबूरोड, बालोतरा, किशनगढ़, मकराना, नीमराना एवं सुजानगढ़)।
– रीको द्वारा दिसम्बर 2016 तक 339 औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा चुके हैं।
– प्रदेश का पहला भामाशाह टेक्नोहब :- जयपुर में।
– I-Start :- एकीकृत स्टार्ट अप प्लेटफार्म। 18 अगस्त, 2017 को कोटा डिजिफेस्ट के दौरान लॉन्च किया गया है।
– प्रदेश का पहला इंडियन मेडिकल डिवाइस पार्क :- कोलिला जोगा (नीमराणा, अलवर) में।
– “कपास उगाओ-खुशहाली पाओ’ अभियान की शुरूआत :- 24 मई, 2017 को धनौदी (झालावाड़) से।
– स्टोना-2018 :- 13वाँ 7-10 फरवरी, 2010
– क्षेत्र आधारित विशेष औद्योगिक जोन स्थापित करने वाला देश का प्रथम राज्य।
– वस्त्र – 2017 :- 21-24 सितम्बर, 2017 जयपुर में। रीको द्वारा फिक्की के सहयोग से आयोजित।
– स्टोन मार्ट 2017 :- 2-5 फरवरी, 2017 सीतापुरा (जयपुर) में
– उर्बाना टेक्नोलॉजी पार्क :- कोटा में।
– पहला जापानी पार्क :- नीमराना (अलवर) में। घीलोठ (अलवर) में रीको द्वारा दूसरा जापानी पार्क स्थापित िकया जा रहा है।
– घीलोट औद्योगिक केन्द्र :- रीको व कोरिया ट्रेड इन्वेस्टमेन्ट (अलवर) प्रमोशन एजेन्सी (कोटरा) की संयुक्त भागीदारी में घीलोट (अलवर) में कोरियन निवेश क्षेत्र विकसित किया जा रहा है।
सिरेमिक जोन :- घीलोट (अलवर) में।
Make in India अभियान की शुरूआत :- 25 सितम्बर, 2014 को।
– राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2014 :- 8 अक्टूबर, 2014 को शुरूआत।
– सूखा बन्दरगाह :- भवतड़ा गाँव (सांचौर, जालौर) में। (अडानी समूह द्वारा)
– राजस्थान युवा उद्यमिता प्रोत्साहन योजना :- 19 अप्रैल, 2013 लागू।
इस योजना के तहत 25 लाख से 1 करोड़ रुपये तक की लागत की परियोजनाओं हेतु न्यूनतम ब्याज दर एवं सुगम शर्तों पर राजस्थान वित्त निगम से ऋण सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
– “स्मार्ट’ योजना :- वस्त्र उद्योग में विकास के लिए 8 अक्टूबर, 2010 को प्रारम्भ की गई योजना।
– देश का पहला जैम बुर्स :- जयपुर में।
– ग्रीनटेक मेगा फुड पार्क :- रुपनगढ़ (अजमेर) में।
राज्य का पहला मैगा फुड पार्क। (देश का 13वाँ)
30 मार्च, 2018 को हरसिमरत कौर (खाद्य प्रसंस्करण मंत्री) द्वारा उद्घाटन।
लागत :- 113.57 करोड़ रुपये।
– पावरलूम मेगा कलस्टर :- भीलवाड़ा में।
– कपड़ा निर्यातक शहर :- भीलवाड़ा।
– उत्तर भारत का प्रथम DAP कारखाना :- कपासन (चित्तौड़गढ़)
– जुट पार्क :- श्रीनगर (अजमेर) में।
– द्वितीय पंचवर्षीय योजना (1956-61) में महालनोबिस मॉडल के आधार पर औद्योगिक विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।
– राजस्थान में औद्योगिक विकास पर सर्वाधिक व्यय (कुल परियोजना व्यय का 5.3%) आठवीं पंचवर्षीय योजना (1992-97) में किया गया।
– राज्य की प्रथम औद्योगिक नीति :- 24 जून, 1978 – तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत के काल में। इस नीति में रोजगारोन्मुख उद्योग (खादी, ग्रामोद्योग, हस्तशिल्प) के विकास पर बल दिया गया।
– द्वितीय औद्योगिक नीति :- दिसम्बर 1990 को घोषित तथा अप्रैल 1991 में लागू। मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत के काल में जारी इस नीति में खनन, कृषिगत व अन्य साधनों के अधिकतम उपयोग पर बल।
तृतीय औद्याेगिक नीति | 15 जून, 1994 | राज्य का तीव्र गति से औद्योगिकरण का लक्ष्य रखा |
चतुर्थ औद्योगिक नीति | 4 जून, 1998 | राजस्थान को कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में विनियोग की दृष्टि से सर्वोच्च प्राथमिकता वाला राज्य बनाना |
– राज्य में सर्वाधिक पंजीकृत फैक्ट्रियाँ :- जयपुर व जोधपुर में।
राज्य में न्यूनतम पंजीकृत फैक्ट्रियाँ :- जैसलमेर व बारां में।
– उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिकों के लिए) की गणना के लिए जयपुर, अलवर व भीलवाड़ा को शामिल किया जाता है। अलवर की जगह पहले अजमेर को शामिल किया जाता था।
– कम्प्यूटर एडेड डिजाइन सेन्टर :- भीलवाड़ा में।
– कुमारप्पा हस्तशिल्प कागज राष्ट्रीय संस्थान :- सांगानेर (जयपुर)।
– ब्रह्मगुप्त अनुसंधान एवं विकास केन्द्र :- जोधपुर।
– सिरेमिक प्रशिक्षण प्रयोगशाला :- बीकानेर।
– एग्रोफुड पार्क :- कोटा, अलवर, जोधपुर, श्रीगंगानगर में।
– ग्लास एवं सिरेमिक हब :- घीलोट (अलवर)।
– रीको की स्थापना :- जनवरी 1980 में (कम्पनी अधिनियम 1956 के अधीन पंजीकृत कम्पनी)
– उद्यमिता एवं प्रबंध विकास संस्थान :- 19 फरवरी, 1996 को पंजीकृत। जयपुर में स्थापित स्वायतशासी संस्थान।
– राजस्थान खादी व ग्रामोद्योग बोर्ड :- अप्रैल 1955 को स्थापना।
उद्देश्य :- राज्य में खादी व ग्रामोद्योग क्षेत्र के विकास द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार प्रदान करना तथा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना।
– राजस्थान कन्सलटेन्सी ऑर्गेनाइजेशन लिमिटेड (राजकॉन) :-
स्थापना :- 1978
मुख्यालय :- जयपुर
उद्देश्य :- राज्य में छोटे एवं मंझले परियोजना प्रवर्तकों को समग्र रूप से तकनीकी विपणन, प्रबन्धकीय, विकासात्मक व वित्तीय परामर्श सेवाएँ प्रदान करना।
– राजस्थान निवेश संवर्द्धन बोर्ड :- 8 जून, 2009 को गठन।
अध्यक्षता :- मुख्यमंत्री द्वारा।
– निवेश संवर्द्धन ब्यूरो :- 1991 में स्थापित।
यह 10 करोड़ से अधिक निवेश प्रस्तावों के लिए नोडल एजेन्सी हैं।
– राजस्थान फाउण्डेशन :- 30 मार्च, 2001 को स्थापना।
अध्यक्षता :- मुख्यमंत्री
उद्देश्य :- प्रवासी राजस्थानियों को प्रदेश के विकास में भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना।
– भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान :- जोधपुर में।
– भारतीय शिल्प व डिजाइन संस्थान :- 20 अप्रैल, 1995 को स्थापना जयपुर में।
– वर्ष 2015 में अजमेर जिले के सथाना (मसूदा तहसील) में सिरेमिक एवं काँच उद्योग के लिए विशेष औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की गई है।