राजस्थान मे उद्याेग नोट्स




– दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक गलियारा (DMIC) :-

90 बिलियन यूएस डॉलर की महत्वाकांक्षी मेगा ढांचागत परियोजना।

जापान की वित्तीय एवं तकनीकी सहायता से क्रियान्वित।

गलियारे की लम्बाई :- 1483 Km.

यह गलियारा मुम्बई के जवाहरलाल नेहरू एयरपोर्ट को दादरी (UP) से जोड़ता है। यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के अलावा राजस्थान सहित 6 राज्यों से गुजरेगा।

राजस्थान में इसकी लम्बाई 576 किमी. (39%) होगी।

इस गलियारे में औद्योगिक कलस्टर, औद्योगिक पार्क, स्पेशल इकोनॉमिक जोन, पॉवर प्रोजेक्टस, औद्योगिक टाउनशिप आदि को विकसित किया जायेगा।

DMIC राजस्थान के 7 जिलों (अलवर, सीकर, नागौर, जयपुर, अजमेर, पाली व सिरोही) से होकर गुजरेगा।

– हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड :- 10 जनवरी, 1966 को स्थापित।

जिंक स्मेल्टर :- देबारी (उदयपुर) व चन्देरिया (चित्तौड़गढ़)

– हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड :- खेतड़ी। नवम्बर 1967 में USA की सहायता से स्थापना।

– हिन्दुस्तान मशीन टूल्स :- अजमेर, चेकोस्लोवाकिया की मदद से 1967 में स्थापित।

– सांभर साल्टस लिमिटेड :- 1964 में स्थापित।

– माडर्न बैकरीज :- 1965 में स्थापित।


– राजस्थान आवासन मण्डल :- 1970 में स्थापित।

– महिन्द्रा ग्रुप ने रीको (RIICO) के सहयोग से जयपुर में विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) की स्थापना की है।

– राजस्थान MSME दिवस :- 17 सितम्बर (विश्वकर्मा जयंती) के उपलक्ष्य में।

– औद्योगिक सम्भावनाओं के आधार पर राजस्थान के A श्रेणी के जिले :- उदयपुर, अलवर, कोटा, भीलवाड़ा, जोधपुर, पाली, अजमेर।

– राजस्थान में टायर एवं ट्यूब बनाने का सबसे बड़ा कारखाना :- कांकरोली (राजसमन्द)

– राज्य में बिजली के मीटर बनाने के लिए प्रसिद्ध फैक्ट्री :- जयपुर मेटल्स एण्ड इलेक्ट्रीकल्स (जयपुर)

– अशोका लीलेण्ड कारखाना :- अलवर।

– नेशनल बॉल बियरिंग कारखाना :- जयपुर।

– सेमकोर ग्लास लिमिटेड :- कोटा।

– माणिक्यलाल वर्मा टेक्सटाइल्स इंस्टीट्यूट :- भीलवाड़ा में।

– देश का पहला MSME सेन्टर :- (भिवाड़ी) अलवर में।

– राजस्थान का पहला इंटीग्रेटेड स्टील प्लान्ट :- पुर (भीलवाड़ा) में।

– प्रदेश का पहला राइस कलस्टर :- बूँदी में।

– राजस्थान सूचना एवं प्रौद्योगिकी दिवस :- 21 मार्च।

– शून्य उद्योग वाले जिले :- जैसलमेर, बारां, बाड़मेर, चूरू व सिरोही।

– अर्जुन सेन गुप्ता समिति :- राज्य में सार्वजनिक उपक्रमों की दशा सुधारने के लिए सुझाव देने हेतु गठित समिति।

– रमकड़ा उद्योग :- गलिया कोट (डूंगरपुर)।

– कागज उद्योग :- सांगानेर (जयपुर) व घोसूण्डा (उदयपुर)

– अगरबत्ती उद्योग :- अजमेर, अलवर।

– ऊन विश्लेषण प्रयोगशाला :- बीकानेर।


– नमदे, खस व दरियां बनाने के लिए प्रसिद्ध शहर :- टोंक।

– एशिया में सबसे बड़ी ऊन की मंडी :- बीकानेर।

– दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा सीमेन्ट कारखाना :- बावरा (सवाईमाधोपुर)

– हीरागढ़ व साम्बरा नमक की खानों के लिए प्रसिद्ध हैं।

– घड़िया बनाने का उद्योग :- अजमेर व जयपुर।

– सिमको वेगन फैक्ट्री :- भरतपुर।

– अरावली पानी के मीटर बनाने का कारखाना :- अलवर।

– राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स :- डीडवाना में।

– गोटा उद्योग – जयपुर, अजमेर और खण्डेला।

– खेसला उद्योग :- गुढ़ा, बालोतरा, फालना, सुमेरपुर।

– मसूरिया साड़ी :- कोटा।

– कृत्रिम रेशम (टसर) का विकास कोटा, उदयपुर, बाँसवाड़ा जिलों में किया जा रहा है।

– जयपुर का हाथीदांत का कार्य पूरे देश में विख्यात है।

– स्ट्रॉबोर्ड का कारखाना :- कोटा में।

– सूंघनी (नसवार) बनाने का कारखाना :- ब्यावर।

– भामाशाह रोजगार सृजन योजना :- 2015 में शुरूआत।


औद्योगिक क्षेत्रजिला
घीलोट औद्योगिक क्षेत्रअलवर
इन्द्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्रकोटा
माखुपुरा औद्योगिक क्षेत्रअजमेर
पर्वतपुरा औद्योगिक क्षेत्रअजमेर
भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्रअलवर
खुशखेड़ा औद्योगिक क्षेत्रअलवर
विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्रजयपुर
कलड़वास औद्योगिक क्षेत्रउदयपुर
बोरानाडा औद्योगिक क्षेत्रजोधपुर




राजस्थान के लघु कुटीर एवं हस्तशिल्प ग्रामोद्योग :-

उद्योगस्थान
ब्ल्यू पॉटरीजयपुर
उस्ता कलाबीकानेर
थेवा कलाप्रतापगढ़ (राजसोनी परिवार)
सुनहरी टैराकोटाबीकानेर
खेसलेलेटा (जालौर)
अजरख एवं मलीर प्रिन्टबाड़मेर
आजम प्रिन्टआकोला (चित्तौड़गढ़)
मथैरण कलाबीकानेर
कागजी टैराकोटाअलवर
फड़ चित्रणशाहपुरा (भीलवाड़ा)
तारकशी के जेवरनाथद्वारा
बादला, मोजड़ियाँ, चूनड़ी, मोठड़ाजोधपुर
कृषिगत औजारगजसिंहपुर (गंगानगर)
लाख का काम, कोफ्तगिरी व तहनिशा कार्यजयपुर
पिछवाईनाथद्वारा
नांदणेभीलवाड़ा
मीनाकारी एवं कुंदन कार्यजयपुर

 

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