राजस्थान लघु उद्योग निगम लिमिटेड (राजसीको)
- राजस्थान लघु उद्योग निगम लिमिटेड की स्थापना राज्य की लघु औद्योगिक इकाईयों एवं हस्तशिल्पियों को सहायता, प्रोत्साहन देने एवं उनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं के समुचित विपणन की सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से जून 1961 को की गयी।
- इसका प्रमुख उद्देश्य लाभ को अधिकाधिक बढ़ाने हेतु समय के परिवर्तन के साथ अपने उत्पादों में परिवर्तन करना, नये-नये डिजाइन एवं तकनीक का सम्मिश्रण करना, व्यवसायिक मांग के अनुकूल उत्पादों को बाजार में उपलब्ध करवाना एवं इसके साथ ही कल्याणकारी संस्थान होने के नाते हस्तशिल्पियों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए उनके कल्याण हेतु सीधा लाभ देने वाले कार्यक्रमों को संचालित करना है।
- निगम द्वारा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 10,000 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है।
- निगम राजस्थान के निर्यातकों/आयातकों को शुष्क बंदरगाह (इनलैण्ड कन्टेनर डिपो) के माध्यम से, जो कि जयपुर, जोधपुर, भीलवाड़ा व भिवाड़ी में स्थित है, निर्यात की बुनियादी सेवाएं उपलब्ध करा रहा है।
- वर्तमान में केवल आयात/निर्यात की सुविधाएं इनलैण्ड कंटेनर डिपो (आई.सी.डी) जोधपुर एवं जयपुर के माध्यम से ही प्रदान की जा रही है।
- राजसिको का वर्ष 2016 में टर्न ओवर (दिसंबर 2016 तक) – 94 करोड़ रहा है।
- यह ट्राइबल प्रशिक्षण केन्द्र संचालित कर रहा है।
- राजस्थली एम्पोरियम का संचालन।
- गलीचा प्रशिक्षण केन्द्रों का संचालन।
राजस्थान वित्त निगम (आर.एफ.सी)
- राजस्थान वित्त निगम की स्थापना राज्य वित्तीय निगम अधिनियम, 1951 के अन्तर्गत वर्ष 1955 में की गई।
- वित्त निगम की स्थापना का मुख्य उद्देश्य राज्य में नवीन उद्योगों की स्थापना, विद्यमान उद्योगों के विस्तारीकरण एवं नवीनीकरण हेतु रू. 20 करोड़ तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है।
- यह औद्योगिक इकाइयों को ऋण स्वीकृत करने हेतु केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, IDBI व IFCI के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है।
- RFC द्वारा संचालित स्कीम :-
- फलेक्सी ऋण योजना
- टॉप-अप ऋण योजना
- महिला उद्यमनिधि योजना
- सेमफेक्स योजना
- शिल्पबाड़ी योजना (1987-88)
- “सिल्वर कार्ड’ योजना
- गोल्ड कार्ड स्कीम
- प्लेटिनम कार्ड स्कीम