राजस्थान मे कृषि एवं प्रमुख फसलें-Agriculture and Major crops in Rajasthan
कृषि
हरित क्रान्ति –
- हरित क्रान्ति का संस्थापक डॉ. नॉर्मनई. बॉरलॉग को माना जाता है।
- बॉरलॉग मूलतः मैक्सिको (अमेरिका) का निवासी था।
- हरित क्रान्ति की शुरूआत 1966-67 में हुई।
- द्वितीय हरित क्रान्ति की शुरूआत 1983-84 में हुई।
- हरित क्रान्ति की शुरूआत गेहूँ व चावल की फसल हेतु की गई।
- हरित क्रान्ति का सर्वाधिक प्रभाव गेहूँ की फसल पर पड़ा।
- भारत में हरित क्रान्ति का संस्थापक एम.एस. स्वामीनाथन को माना जाता है।
श्वेत क्रान्ति –
- इसका सम्बन्ध दुग्ध उत्पादन से है- श्वेत क्रान्ति का संस्थापक डॉ. वर्गीज कुरियन को माना जाता है।
- डॉ. कुरियन ने 1970 में 10 जिलों में दुध में उत्पादकता बढ़ाने के लिए ऑपरेशन फ्लडकी शुरूआत की।
- लाल क्रान्ति –टमाटर तथा मांस से सम्बन्धित
- काली क्रान्ति –पेट्रोलियम उत्पादन से
- पीली क्रान्ति –सरसों तथा तिल से
- नीली क्रान्ति –मत्स्य उत्पादन से
- भूरी क्रान्ति –खाद्यान्न प्रसंकरण से
- बादामी क्रान्ति –मसाले के उत्पादन से
- गुलाबी क्रान्ति –झींगा मछली से
- हरित सोना क्रान्ति –बाँस से
- रजत क्रान्ति –अंडों के उत्पादन से
- सिल्वर क्रान्ति –कपास से
- सुनहरी क्रान्ति –फल-फूल तथा बागवानी से
- गोल क्रान्ति –आलू उत्पादन से
- इन्द्रधनुष क्रान्ति –इसका प्रमुख कार्य सभी क्रान्तियों पर निगरानी का है।
- खरीफ ऋतु एवं फसलें –वे फसलें जो जुलाई माह में बोई जाती है और नवम्बर माह में काट ली जाती है खरीफ की फसलें कहलाती है इन्हें स्यालु या सावणु के नाम से जाना जाता है।
प्रमुख फसलें- 1. चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, कपास, मूंग, मूंगफली इत्यादि।
- रबी ऋतु एवं फसलें –वे फसलें जो दिसम्बर माह में बोई जाती है और मार्च माह में काट ली जाती है रबी की फसलें कहलाती है इन्हें उनालु के नाम से जाना जाता है। प्रमुख फसलें- गेहूँ, जौ, चना, सरसों, जीरा, मैथी, तारामीरा, मटर, मसूर इत्यादि।
- जायद ऋतु एवं फसलें –वे फसलें जो मार्च-अप्रैल माह में बोई जाती है और मई-जून माह में काट ली जाती है। जायद फसलें कहलाती है।
प्रमुख फसलें – तरबूज, खरबूजा और सब्जियाँ।