राजस्थान मे कृषि एवं प्रमुख फसलें नोट्स




मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Care) :

  • यह योजना 19 फरवरी, 2015 को सूरतगढ़ (गंगानगर, राजस्थान) में प्रारंभ हुई।
  • इस योजना का उद्देश्य देशभर में कृषि क्षेत्र में मिट्टी की सेहत पर ध्यान देकर मिट्टी को आवश्यक पोषण उपलब्ध कराना है। ताकि मिट्टी की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सके।
  • इस योजना के तहत् प्रत्येक किसान को कृषि भूमि की मिट्टी की जांच हेतु कार्ड उपलब्ध कराये जायेंगे, जिसमें मिट्टी की उत्पादकता से जुड़ी जानकारियों के साथ भूमि में उर्वरकों के समुचित उपयोग संबंधी सलाह भी उपलब्ध करायी जायेगी। इस कार्ड का 3 वर्ष के अंतराल पर नवीनीकरण किया जा सकेगा।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-सूक्ष्म सिंचाई (PMKSY-M.I.)

  • फसल उत्पादकता बढ़ाने एवं पानी को बचाने के लिए लघु  सिंचाई पद्धति में ड्रिप एवं फव्वारा सिंचाई, प्रभावी जल प्रबंधन की व्यवस्था है।
  • भारत सरकार द्वारा इन पद्धतियों के समुचित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत सूक्ष्म सिंचाई योजना प्रांरभ की गई है।
  • इसमें सभी श्रेणी के कृषकों के लिए केन्द्रीय एवं राज्य सरकार का अनुपात 60 : 40 है।
  • दिसंबर,2016 तक 3748 हैक्टेयर क्षेत्र में फव्वारा सिंचाई एवं 6,235 हैक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप संयंत्रों की स्थापना की गई है।


ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (ग्राम)

  • ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट 9-11 नवम्बर, 2016 को जयपुर एग्जिबिशन एण्ड कन्वेंशन सेन्टर (जे.ई.सी.सी.), सीतापुरा, जयपुर में हुआ। इस आयोजन में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों में लगभग रु. 4400 करोड़ के निवेश के 38 एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए गए।
  • इस सम्मेलन में इजराइल ने पार्टनर देश के रूप में भाग लिया, जबकि नीदरलैंड ईरान, कजाकिस्तान, पापुआन्यूगिनी, नाईजीरिया, एवं जापान आदि देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस सम्मेलन में लगभग 58000 किसानों ने भाग लिया।


कृषि विपणन (Agriculture Marketing)

  • राज्य के कृषकों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने अच्छी विपणन की सुविधा उपलब्ध कराने तथा राज्य में मंडी नियामक एवं प्रबंधन को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु कृषि विपणन निदेशालय कार्यरत है।
  • राज्य में ‘सुपर‘, ‘अ‘ एवं ‘ब‘ श्रेणी की मंडियों में अपनी उपज विक्रय करने हेतु आने वाले कृषकों को सस्ती दर पर गुणवत्ता भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से2014 मे शुरु किसान कलेवा योजना प्रांरभ की गई है।
  • 21 चयनित कृषि उपज मंडी समितियों में तेल परीक्षण प्रयोगशालाएं कार्य कर रही है।

राज्य में महात्मा ज्योतिबा फुले मंडी श्रमिक कल्याण योजना –2015’ लागू की गयी है। इस योजना की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित है :-

  1. प्रसूति सहायता :-महिला हम्माल एवं पल्लेदार को अधिकतम दो प्रसूतियों के लिए राज्य सरकार द्वारा अकुशल श्रमिक के रूप में निर्धारित प्रचलित मजदूरी दर अनुसार 45 दिवस की मजदूरी के समतुल्य सहायता राशि का भुगतान किया जा रहा है।
  • पितृत्व अवकाश के रूप में निर्धारित प्रचलित मजदूरी दर अनुसार 15 दिन की मजदूरी के समतुल्य राशि का भुगतान किया जा रहा है।
  1. विवाह के लिए सहायता :-महिला हम्मालों की पुत्रियों के विवाह के लिए राशि रू 20,000 की सहायता राशि का प्रावधान है। यह सहायता अधिकतम दो पुत्रियों के लिए ही देय है।
  2. छात्रवृति/मेधावी छात्र पुरस्कार योजना :-ऐसे कर्मचारी जिसके पुत्र/पुत्री, जो 60 प्रतिशत एवं उससे अधिक अंक प्राप्त करता है, को इस योजना के अन्तर्गत छात्रवृति दी जा रही है।
  3. चिकित्सा सहायता :-हम्माल को गंभीर बीमारी (केन्सर, हार्ट अटैक, लीवर, किडनी, आदि) होने की दशा में सरकारी अस्पताल में भर्ती रहने पर चिकित्सा व्यय हेतु अधिकतम रु. 20,000 की राशि का प्रावधान है।

Kismat -: Knowledge Intregrated Skill Modules For Agriculture, Horticulture, Animal Husbandary Training.


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