राजस्थान में बागवानी फसलों के प्रमुख उत्पादक जिले (2015-16)-:
सर्वाधिक फलोत्पादन -: झालावाड़ 2. गंगानगर
फसल | प्रमुख उत्पादक जिले | फसल | प्रमुख उत्पादक जिले |
आम | बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, डूंगरपुर | मौसमी, माल्टा, कीनू | श्रीगंगानगर |
संतरा | झालावाड़(राज. के नागपुर की उपमा), कोटा, भीलवाड़ा | नींबू | भरतपुर, करौली |
अमरूद | सवाईमाधोपुर, कोटा, बूँदी | पपीता | सिरोही, टोंक, भरतपुर |
हरी मैथी | नागौर | टमाटर, मटर | जयपुर, जालौर |
तम्बाकू | अलवर, झुन्झुनूं | ईसबगोल | जालौर, बाड़मेर, जैसलमेर |
जीरा | जोधपुर, जालौर, बाड़मेर, | सौंफ | नागौर, सिरोही, टोंक |
केला | सिरोही, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़ | बेर तथा आँवला | नागौर, जयपुर, जोधपुर |
अंगूर | श्रीगंगानगर, सवाईमाधोपुर | सीताफल | राजसमंद, चित्तौड़गढ़ |
अनार | पाली, जालौर, चित्तौड़, हनुमानगढ़ | शहतूत | जयपुर, बांसवाड़ा |
खरबूजा | पाली, टोंक | मेंहदी | सोजत (पाली) |
प्याज | सीकर, जोधपुर, अलवर | आलू | धौलपुर, कोटा, भरतपुर |
अफीम | चित्तौड़गढ़, बारां झालावाड़ | लाल मिर्च | सवाईमाधोपुर, जोधपुर (मथानियां) |
धनियाँ | झालावाड़, कोटा, बारां | मैथी | नागौर, कोटा, झालावाड़ |
आंवला | अजमेर, चितौडगढ़, दौसा, जयपुर। |
राजस्थान के कृषि विकास हेतु प्रयासरत संस्थाएँ
क्र.सं. | नाम | स्थापना वर्ष उद्देश्य व अन्य विवरण |
1.केन्द्रीय कृषि फार्म, सूरतगढ़ (गंगानगर) | अगस्त, 1956 | एशिया का सबसे बड़ा फार्म। सोवियत रूस के सहयोग से स्थापित किया गया। |
2.केन्द्रीय कृषि फार्म, जैतसर (गंगानगर) | कनाडा देश के सहयोग से स्थापित किया गया। | |
3.काजरी (Central Arid Zone Research Institute-CAZARI), जोधपुर | 1959 | काजरी की स्थापना 1959 में मरूस्थल वनीकरण शोध केन्द्र का पुनर्गठन कर भारत सरकार द्वारा की गई। 1966 में इसे ICAR के अधीन किया गया। काजरी का मुख्य उद्देश्य शुष्क एवं अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में वन सम्पदा व कृषि का विकास करने हेतु पेड़-पौधों, मिट्टी, हल व भूमि के संबंध में व्यापक सर्वेक्षण, शोध एवं अध्ययन करना है। काजरी के क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र-जैसलमेर, बीकानेर, पाली व भुज (गुजरात) में है, कृषि विज्ञान केन्द्र पाली व जोधपुर में तथा क्षेत्रीय प्रबंध व मृदा संरक्षण क्षेत्र-चाँदन गाँव (जैसलमेर) व बीछवाल (बीकानेर) में स्थापित है। |
4.राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड(Rajasthan State Agriculture Marketing Board) | 6-06-1974 | किसानों को कृषि का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से कृषि उपज मंडियों की स्थापना, मंडी प्रांगणों व ग्रामीण सम्पर्क सड़कों का निर्माण व रखरखाव करना। |
5.बेर अनुसंधान केन्द्र एवं खजूर अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर | 1978 | ‘हिलावी’ खजूर की किस्म और ‘मेंजुल’ किस्म का छुआरा का उत्पादन। |
6.राजस्थान राज्य बीज संस्था एवं जैविक उत्पादन प्रमाणीकरण | 28-03-1978 | विश्व बैंक की राष्ट्रीय बीज परियोजना के द्वितीय चरण में उत्तम गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन, विधायन एवं विपणन करने के उद्देश्य से 28 मार्च, 1978 को राजस्थान राज्य बीज निगम के नाम से गठित। अब इसका नाम राजस्थान राज्य बीज एवं जैविक उत्पादन प्रमाणीकरण संस्था कर दिया गया है। |
7.AFRI (Aried Forest Research Institute), जोधपुर | 1988 | – |
8.राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र | 2000 | तबीजी (अजमेर) में स्थापित। |
9.राष्ट्रीय सरसों अनुसंधान संस्थान, सेवर, भरतपुर | 20 Oct. 1993 | – |
10.केन्द्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र, दुर्गापुरा (जयपुर) | – | – |
11.राजस्थान उद्यानिकी एवं नर्सरी विकास समिति (राजहंस) | 2006-07 | राज्य में उद्यानिकी विकास को बढ़ावा देने हेतु उत्तम गुणवत्ता के पौधे के उत्पादन कार्य व आपूर्ति हेतु राज्य सरकार द्वारा गठित। |
12. राज. राज्य सहकारी क्रय विक्रय संघ लिमिटेड (राजफेड) – | 1957 | |
13. राज. राज्य सहकारी स्पिनिंग व जिनिंग मिल्स फेडरेशन लि. (स्पिनफैड) | 1992 | (1993 में कार्य प्रारम्भ) को स्पिनफैड की स्थापना गुलाबपुरा, हनुमानगढ़ व गंगापुर (भीलवाड़ा) की तीन मिलों मिलाकर की गई। |
14. तिलम संघ | जुलाई, 1990 | तिलहन फसलों की पैदावर बढ़ाने सहकारी क्षेत्र में तिलहनों की खरीद की व्यवस्था करेगा। |
15. राजस्थान उद्यानिकी व नर्सरी विकास समिति (राजहंस) | 2006-2007 | |
16. चौधरी चरणसिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान -: जयपुर | 1988 |