जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम :-
(क) परिवार कल्याण कार्यक्रम :- वर्ष 1951 में प्रारम्भ।
(ख) जनमंगल कार्यक्रम :- वर्ष 1992 से अलवर एवं उदयपुर जिलों से प्रारम्भ। वर्ष 1997-98 से समस्त राज्य में लागू।
(ग) महिलाओं का जीवन एवं स्वास्थ्य पर अधिकार परियोजना :- जून 2002 से यूनीसेफ की सहायता से बारां, झालावाड़ तथा धौलपुर जिलों में मातृ मृत्यु में 50% कमी लाने हेतु संचालित।
(घ) एकीकृत जनसंख्या एवं विकास परियोजना (IPD) :- संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की सहायता से 1 जनवरी, 1999 से अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, करौली, चित्तौड़गढ़, उदयपुर में संचालित की गई।
(ड) राजीव गाँधी जनसंख्या मिशन :- 5 जुलाई, 2001 को स्थापना।
(च) विकल्प योजना :- 11 मार्च, 1995 से टोंक व दौसा में संचालित योजना। वर्तमान में सभी जिलों में लागू।
उद्देश्य :- महिला स्वास्थ्य, गर्भ निरोधक उपाय, दम्पत्तियों की सुविधानुसार परिवार कल्याण कार्यक्रम का क्रियान्वयन करना।
(छ) राजस्थान जनसंख्या परिषद :- मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित परिषद।
(ज) राजलक्ष्मी योजना :- 35 वर्ष की आयु और दो बालिकाओं के पश्चात् नसबन्दी पर प्रोत्साहन हेतु प्रारम्भ योज
– राजश्री योजना :-
प्रारम्भ :- 1 जून, 2016 को
मुख्यमंत्री शुभलक्ष्मी योजना के स्थान पर प्रारम्भ।
इसमें बालिका के जन्म से लेकर 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने तक अलग-अलग किश्तों में (6 किश्तों में) कुल 50 हजार रुपये की राशि दी जाती हैं।
– अक्षदा कार्यक्रम :- बारां व झालावाड़ जिलों में नवजात शिशु एवं सुरक्षित मातृत्व सेवाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु संचालित कार्यक्रम।
– सरस लाडो योजना :- 1 जनवरी, 2016 को प्रारम्भ।
– बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ अभियान :- 22 जनवरी, 2015 को पानीपत (हरियाणा) से प्रारम्भ।
– राज्य जनसंख्या नीति :- 2000