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Physics

OSCILLATIONS TEST - 06

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A spring of force constant k is cut into lengths of ratio 1 : 2 : 3. They are connected in series and the new force constant is k'. Then they are connected in parallel and force constant is k" . Then k' : k" is:-
एक स्प्रिंग (कमानी) का कमानी स्थिरांक k है। इसको तीन भागों में काट दिया गया है जिनकी लम्बाइयों का अनुपात 1 : 2 : 3 है। इन तीनों भागों को श्रेणी क्रम में जोड़ने पर, संयोजन का कमानी स्थिरांक k' तथा समान्तर क्रम में जोड़ने पर k" है, तो अनुपात k' : k" होगा :

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An oscillator of mass 10 gram is oscillating with natural frequency of 100 Hz. Under slight damped conditions, a periodic force F = 100 cos20πt is applied on it. Amplitude of oscillation is approximately :-
एक 10 ग्राम द्रव्यमान का दोलक अपनी 100 Hz की प्राकृतिक आवृति के साथ दोलन कर रहा है। यदि निम्न अवमंदित परिस्थितियों में एक आवर्त बल F = 100 cos20πt आरोपित किया जाता है तो दोलन का आयाम लगभग होगा -

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Spring is oscillating with frequency 4Hz having spring constant k. An identical spring is connected in series in new system as shown in figure. Find new frequency.
एक स्प्रिंग जिसका नियतांक k है 4Hz की आवृत्ति से दोलन कर रही है अब इस स्प्रिंग के श्रेणीक्रम में समान स्प्रिंग को जोड़ दिया जाता है तो अब दोलन की आवृति होगी:

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Two particles A and B of equal masses are suspended from two massless springs of spring constants k1 and k2, respectively. If the maximum velocities during oscillations are equal, the ratio of amplitudes of A and B is-
समान द्रव्यमान के दो कण A व B, k1 व k2बल नियतांक वाली दो द्रव्यमानहीन स्प्रिंगो से लटकाये गये हैं। यदि कम्पनों के दौरान दोनों कणों के अधिकतम वेग समान हैं, तो A व B के आयामों का अनुपात होगा :

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A point mass oscillates along the x-axis according to the law x = x0 cos(ωt – π/4). If the acceleration of the particle is written as- a = A cos (ωt + δ), then-
एक विन्दु द्रव्यमान, नियम x = xo cos(ωt - π/ 4) के अनुसार X-अक्ष के अनुदिश कम्पन्न करता है। यदि कण का त्वरण निम्न प्रकार लिखा जाता है, a = A cos (ωt + δ), तब

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Two simple harmonic motions are represented by the equations y_{1}=0.1 \sin \left ( 100t+\frac{\pi }{3} \right ) and y_{2}=0.1\cos 100\pi t. The phase difference of the velocity of particle 1, with respect to the velocity of particle 2 is-
दो सरल आवर्त गतियों की समीकरणों को y_{1}=0.1 \sin \left ( 100t+\frac{\pi }{3} \right ) तथा y_{2}=0.1\cos 100\pi t द्वारा निरूपित किया गया है। कण 2 के वेग के सापेक्ष कण 1 के वेग में कलान्तर है

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An oscillator consists of a block attached to spring (k = 400 N/m), At some time t, the position (measured from the system's equilibrium location), velocity and acceleration of the block are x = 0.100m, v = – 15.0 m/s, and a = – 90 m/s2. The amplitude of the motion and the mass of the block are :-
एक दोलित्र में स्प्रिंग से जुड़ा एक ब्लॉक है, (k = 400N/m), किसी समय पर ब्लॉक की स्थिति (निकाय की साम्यावस्था से मापी गई), वेग व त्वरण क्रमशः x = 0.100m, v=-15.0m/s तथा a = 90m/s2 है। गति का आयाम तथा ब्लॉक का द्रव्यमान होगा ?

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A body of mass 600 gm is attached to a spring of spring constant k = 100 N/m and it is performing damped oscillations. If damping constant is 0.2 and driving force is F = F0 cos(wt), where F0 = 20 N. Find the amplitude of oscillation at resonance.
600gm द्रव्यमान की एक वस्तु k = 100 N/m स्प्रिंग नियतांक वाली एक स्प्रिंग के साथ जुड़ा है और अवमन्दित दोलन कर रहा है। यदि अवमन्दन गुणांक 0.2 है व प्रणोदित बल F = Focos(ot) है जहाँ Fo = 20N है। तो अनुनाद पर दोलनों का आयाम होगा :

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The period of a particle is 8s. At t = 0 it is at the mean position. The ratio of distance covered by the particle in first second and second will be-
किसी कण का आवर्तकाल 8 सेकण्ड है। t= 0 पर यह माध्य स्थिति पर है। कण द्वारा प्रथम तथा द्वितीय सेकण्ड में तय की गई दूरियों का अनुपात होगा

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A simple pendulum has time period T1. The point of suspension is now moved upward according to the relation y = Kt2, (K = 1 m/s2) where y is the vertical displacement. The time period now becomes T2. The ratio of \frac{T_{1}^{2}}{T_{2}^{2}}is : (g = 10 m/s2)
किसी सरल लोलक का प्रारम्भिक आवर्तकाल T1 है। जब इसका निलम्बन विन्दु ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर समीकरण y = Kt2 के अनुसार गति करता है तो इसका आवर्तकाल T2 हो जाता है। यदि (K- 1m/s2) हो तो\frac{T_{1}^{2}}{T_{2}^{2}} का मान होगा: (g = 10 m/s2)

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A body of mass m is attached to the lower end of a spring whose upper end is fixed. The spring has negligible mass. When the mass m is slightly pulled down and released, it oscillates with a time period of 3s. When the mass m is increased by 1 kg, the time period of oscillations becomes 5 s. The value of m in kg is :-
किसी कमानी का ऊपरी सिरा स्थिर है तथा निचले सिरे से m द्रव्यमान का एक पिंड लटका है। कमानी का अपना द्रव्यमान नगण्य है। कमानी के निचले सिरे को थोडा-सा खींचकर छोड़ देने पर द्रव्यमान m का पिंड दोलन करने लगता है और इसके दोलनों का आवर्तकाल 3s है। m के मान में 1kg बढ़ाने पर दोलनों का आवर्तकाल 5s हो जाता है। m का 1 kg में मान है

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A man of mass 60 kg standing on a plateform executing S.H.M. in the vertical plane. The displacement from the mean position varies as y = 0.5 sin (2π ft) . The minimum value of f, for which the man will feel weightlessness at the highest point is : (y is in metres)
60 kg द्रव्यमान का एक व्यक्ति एक प्लेटफार्म पर खड़ा है तथा उर्ध्वाधर तल में सरल आवर्त गति कर रहा है। माध्य स्थिति से विस्थापन समीकरण y = 0.5 sin (2π ft) के अनुसार परिवर्तित होता है। का न्यूनतम मान जिसके लिये व्यक्ति उच्चतम बिन्दु पर भारहीनता अनुभव करेगा, होगा (y मीटर में है)

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A particle is executing SHM along a straight line. Its velocities at distances x1 and x2 from the mean position are V1 and V2, respectively. Its time period is :-
यदि, किसी सरल रेखा के अनुदिश सरल आवर्त गति करते हुए, किसी कण की दूरी मूल बिन्दु से x1 तथा x2 होने पर, उसके वेग क्रमश: V1 तथा V2 हैं

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A pendulum is hung from the roof of a sufficiently high building and is moving freely to and fro like a simple harmonic oscillator. The acceleration of the bob of the pendulum is 20 m/s2 at a distance of 5 m from the mean position. The time period of oscillation is :-
कोई लोलक एक काफी ऊँचे भवन की छत से लटका है और सरल आवर्त दोलक की भाँति मुक्त रूप से आगे-पीछे गति कर रहा है। माध्य स्थिति से 5m की दूरी पर इसके गोलक का त्वरण 20 m/s2 है। दोलन का आवर्तकाल है

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Two similar springs P and Q have spring constants KP and KQ, such that KP > KQ. The are stretched, first by the same amount (case a,) then by the same force (case b). The work done by the springs WP and WQ are related as, in case (a) and case (b), respectively :
दो एक समान कमानियों P तथा Q के कमानी स्थिरांक क्रमशः Kp तथा KQ है Kp > KQ | प्रथम बार ('a' स्थिति में) दोनों को समान लम्बाई से तथा दूसरी बार ('b' स्थिति में) समान बल से, खींचा जाता है। यदि इन दोनों कमानियों द्वारा किये गए कार्य क्रमश: Wp तथा WQ हों, तो, स्थिति (a) तथा स्थिति (b), में इनके बीच क्रमशः सम्बंध होंगे :

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The period of oscillation of simple pendulum of length L suspended from the roof of the vehicle which moves without friction, down on an inclined plane of inclination α, is given by :-
α कोण पर झुके हुए घर्षण-हीन नत समतल पर नीचे की ओर गतिमान कार की छत से लटके हुए L लम्बाई के सरल लोलक का आवर्तकाल है :

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In an angular SHM angular amplitude of oscillation is p rad and time period is 0.4 sec then calculate its angular velocity at angular displacement π/2 rad.
एक कण जो कोणीय सरल आवर्त गति कर रहा है उसका कोणीय आयाम trad और आवर्त काल 0.4 sec है। जब उसका कोणीय विस्थापन π/ 2 होगा तो उसका कोणीय वेग होगा :

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A particle executes linear simple harmonic motion with an amplitude of 3 cm. When the particle is at 2 cm from the mean position, the magnitude of its velocity is equal to that of its acceleration. Then its time period in seconds is :-
किसी कण की रेखीय सरल आवर्त गति का आयाम 3 cm. है। जब यह कण अपनी माध्य स्थिति से 2 cm दूरी पर होती है तो उस समय इसके वेग का परिमाण, इसके त्वरण के बराबर होता है। इस कण का आवर्तकाल (सेकंड में) है :

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Two bodies performing S.H.M. have same amplitude and frequency. Their phases at a certain instant are as shown in the figure. The phase difference between them is
दो वस्तुएँ सरल आवर्त गति कर रही है, जिनका आयाम तथा आवृत्ति समान है। किसी निश्चित क्षण पर उनकी कलायें चित्रानुसार दर्शाई गई है। उनके मध्य कलान्तर होगा

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The potential energy of a simple harmonic oscillator at mean position is 3 joules. If its mean K.E. is 4 joules, its total energy will be :
एक सरल आवर्ती दोलक की माध्य स्थिति पर स्थितिज ऊर्जा 3 जूल है। यदि दोलक की औसत गतिज ऊर्जा 4 जूल हो तो उसकी कुल ऊर्जा का मान होगा:

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