राजस्थान मे उद्याेग नोट्स




ग्रामीण गैर कृषि विकास अभिकरण, जयपुर (Rural Un-Agriculture Development Agency – RUDA) :

  • ग्रामीण क्षेत्रों में गैर कृषि आजीविका के साधनों का विकास करने हेतु रूडा की स्थापना नवम्बर, 1995 में की गई। रूडा लघु उद्यमों के कलस्टर के विकास द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी आजीविका के साधन विकासित करने का कार्य करती है।

कार्य

  • ग्रामीण दस्तकारों को संगठित व प्रशिक्षित करना।
  • ग्रामीण हस्तशिल्प का तकनीकी उत्थान करना।
  • ग्रामीण लघु उद्यम उत्पादों का विकास तथा आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार डिजाइनों का विकास।
  • ग्रामीण उद्योगों की विपणन व्यवस्था सुनिश्चित करना तथा विदेशों में प्रचार हेतु नेटवर्क स्थापित करना।
  • ग्रामीण लघु उद्यमों के विकास हेतु बैंक ऋण व अन्य लाभप्रद व्यवस्थाएँ सुनिश्चत करना।

उद्योग विभाग

  • राज्य में औद्योगिक विकास, हस्तकला के विकास एवं औद्योगिक गतिविधियों के संचालन में आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करने, उद्योगों को सहायता तथा सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु उद्योग आयुक्तालय है।
  • वर्तमान में उद्यमियों को इनपुट तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु उद्योग विभाग के अधीन 36 जिला केन्द्र एवं 8 उप केन्द्र कार्यरत हैं।


सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाईयाँ (एम.एस.एम.ई)

  • सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाईयों की राज्य के औद्योगिक उत्पादन, निर्यात, रोजगार के आधार पर निर्माण की दिशा में, अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका है।
  • सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों की उद्योग आधार ज्ञापन अधिसूचना अधिनियम, 2015 राजस्थान राज्य में लागू की गई है और ऑनलाईन पंजीयन  18 सिंतबर 2015 से आरंभ किया गया है।
  • वर्ष 2016-17 में 15,959 इकाईयों के पंजीयन के लक्ष्य की तुलना में दिसबंबर 2016 तक 60,960 औद्योगिक ईकाइयों का पंजीयन किया गया।
  • इन इकाईयों में रु. 10,332.88 करोड़ के निवेश से इस अवधि में 3,82,366 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त हुआ है।


प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पी.एम.ई.जी.पी) 

  • इस योजना का उद्देश्य शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकाधिक ग्रामोद्योग सेवा एवं व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है।
  • वर्ष 2016-17 में दिसंबर, 2016 तक 871 आवेदन स्वीकृत किए गए तथा 389 व्यक्तियों को उद्यम शुरु करने के लिए ऋण स्वीकृत किए गए।

भामाशाह रोजगार सृजन योजना

  • शिक्षित बेरोजगार युवाओं, महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति एवं दिव्यांग का स्वयं का उद्यम प्रांरभ करने हेतु 6 से 7 प्रतिशत पर बैंकों से ऋण उपलब्ध कराने हेतु नई योजना ‘भामाशाह रोजगार सृजन योजना” दिनांक 13 दिसम्बर 2015 से शुरु कर दी गई है।


रिसर्जेन्ट राजस्थान सम्मेलन (Resurgent Rajasthan Summit)

  • राजस्थान में निजी से निवेशकों को आकर्षित करने तथा उन्हें राज्य में निवेश करने हेतु तैयार करने के लिए ‘रिसर्जेन्ट राजस्थान साझीदारी सम्मेलन-2015’ (Resurgent Rajasthan Partnership Summit-2015) का आयोजन 19-20 नवम्बर, 2015 को जयपुर एक्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर, सीतापुरा, जयपुर में किया गया।
  • इस सम्मेलन की नोडल एंजेसी निवेश संवर्द्धन ब्यूरो (BIP), राजस्थान था।
  • इसका राष्ट्रीय साझीदार (National Partner)- भारतीय उद्योग संघ (CIT-Confedertation of Indian Industry), ज्ञान साझीदार (Knowledge Partner) -EY व मीडिया पार्टनर-एडेलमेन (Edelman) था।
  • इसमें महत्त्वपूर्ण काँफ्रेस, क्षेत्र विशेष से संबंधित वार्ताएँ व विचार-विमर्श, एक एमएसमई कॉन्क्लेव तथा वन-टू-वन मीटिंग्स का आयोजन किया गया।
  • इस सम्मेलन के माध्यम से विश्वभर के प्रतिनिधि निवेशक, राज्य के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी तथा स्थानीय व्यावसायिक समुदाय राजस्थान में निवेश वातावरण व अवसरों पर विचार-विमर्श किया।
  • इस सम्मेलन में 35 देशों की कम्पनियों व 7 देशों के राजदूत समेत 5500 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
  • रिसर्जेन्ट राजस्थान सम्मेलन में इटली, सिंगापुर, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया व जापान ग्लोबल पाटर्नर थे।
  • एम.ओ.यू. के क्रियान्वयन तथा निगरानी के लिए मुख्यमंत्री सूचना प्रणाली (सी.एम.आई.एस) एक ऑनलाईन निगरानी तंत्र स्थापित किया गया है।
  • दिसंबर 2016 तक राशि रु. 4,897 करोड़ की 31 परियोजनाएं क्रियान्वित हो चुकी है एवं विभिन्न क्षेत्रों में राशि रु. 65,358 करोड़ की 87 परियोजनाएँ प्रक्रियाधीन है।
  • इस सम्मेलन में 20 नवम्बर, 2015 को MSME Policy-2015 लांच की गई। राजस्थान में MSME के मुख्य क्षेत्र जेम्स एंड ज्वैलरी, टेक्टाइल व गारमेन्ट्स, हैण्डीक्राफ्ट्स, ऑटोमोबाइल, कारपेट, खनिज व स्टोन इण्डस्ट्रीज तथा कृषि हैं।
  • इस सम्मेलन में निवेशकों तक पहँचने के लिए किए गए सक्रिय प्रयासों के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों के 14 लाख करोड़ के 311 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए। प्रमुख समझौते निम्न हैं-
  1. दक्षिण ऑस्ट्रेलिया ने पर्यावरण प्रबंधन, ऊर्जा, पर्यटन एवं कृषि व्यवसय को समर्थन देने हेतु ‘Sister State’ के रूप में समझौता।
  2. दक्षिणी कोरियन फर्म्स द्वारा इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में निवेश।


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