- ऊँट
- सर्वाधिक – जैसलमेर।न्यूनतम – प्रतापगढ़।
- 19 सितम्बर 2014 को राज्य पशु घोषित।
- जैसलमेरी :सवारी के लिए प्रसिद्ध।
- बीकानेरी :भार वहन के लिए प्रसिद्ध।
- अलवरी :कद छोटा होता है।
- कच्छी :साधारण।
- नाचना गांव(जैसलमेर) – सवारी व दौड़ के लिए प्रसिद्ध।
- गोमठ गांव(फलौदी) जोधपुर- सवारी, भार वहन के लिए प्रसिद्ध।
- गुरहा ऊँट की नाल है।
- घोड़ा
- बीकानेर स्थित केन्द्रीय अश्व उत्पादन परिसर में ‘चेतक घोड़े‘ के वंशज तैयार किये जायेगें। सर्वाधिक – बीकानेर न्यूनतम – डूंगरपुर।
- मालाणी –
- मूल उत्पत्ति स्थल – मालाणी गांव (बाड़मेर)।
- एक रंग का घोड़ा अच्छा नहीं माना जाता है।
- कुमेत (लाल) रंग का घोड़ा सबसे अच्छा माना जाता है जो पंचकल्याण (पांच धब्बे) होता है। चार पैरों पर व एक माथे पर।
- आलम जी का धौरा,गुढामलानी के पास बाड़मेर धौरीमन्ना के पास में है। इस स्थान को घोड़ों का तीर्थ स्थल कहते हैं।
- यहां गर्भवती घोड़ियों की जात दिलाते हैं। अरबी लोग इसेराड़धरा कहते थे।
- यह स्थान तुगलक काल से प्रसिद्ध है।
- मारवाड़ी –
- दौड़ के लिए उपयुक्त।
- काठियावाड़ी –
- साधारण नस्ल। घुड़सवारी के लिए सबसे अच्छी नस्ल।