मत्स्य : पालन- यह विभाग पृथक रूप से 1982 में खोला गया।
- उदयपुर में मत्स्य प्रशिक्षण विद्यालय स्थित है।
- 2 राष्ट्रीय मत्स्य बीज उत्पादन फार्म कासिमपुरा (कोटा) तथा भीमपुरा (बांसवाड़ा) में कार्यरत है।
- महाशीर मत्स्य प्रजातियों को संरक्षण देने के लिए उदयपुर केबड़ी तालाब को प्रदेश का पहला मत्स्य अभ्यारण्य बनाया जायेगा।
पशु प्रजनन व अनुसंधान केन्द्र
केन्द्र सरकार :
- पशुमाता उन्मूलन योजना – पशुओं मे संक्रामक रोकथाम हेतु 1958-59 में यह योजना राजस्थान में शुरू की गई।
- केद्रीय पशु प्रजनन फार्म – सूरतगढ़ (गंगानगर) -1956 में।
- केन्द्रीय भेड़ प्रजनन व ऊन अनुसंधान केन्द्र –अविकानगर (टोंक)। इसका एक उपकेन्द्र है मरू क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र बीछवाल, बीकानेर।
- केन्द्रीय ऊंट प्रजनन व अनुसंधान केन्द्र –जोडबीर, शिवबाड़ी-बीकानेर। इसकी स्थापना 5 जुलाई, 1984 को हुई।
- पश्चिम क्षेत्रीय बकरी अनुसंधान केन्द्र – अविकानगर (टोंक)। स्थापना – 1986 में।
- भारतीय पशुपालन विकास एवं अनुसंधान लि. 2010 में बनीपार्क, जयपुर में स्थापित किया गया।
- केन्द्रीय अश्व प्रजनन व अनुसंधान केन्द्र –जोडबीर, शिवबाड़ी-बीकानेर।
राज्य सरकार :
- राज्य सरकार का पहला पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर में खोला गया।
पशुपालन विभाग के द्वारा स्थापित अनुसंधान केन्द्र :
- बकरी प्रजनन एवं चारा उत्पादन (अनुसंधान) केन्द्र –रामसर (अजमेर), स्थापना – 1981 में स्विट्जरलैण्ड के सहयोग से। यहां स्विट्जरलैण्ड के एल्पाइन व टोगनबर्ग नस्लों के बकरों से सिरोही नस्ल की बकरियों का क्रॉस प्रजनन करा कर के नयी नस्ल परबतसरी विकसित की गयी।
- सूकर प्रजनन एवं अनुसंधान केन्द्र – अलवर में। दूसरा नया प्रस्तावित अजमेर में।
- अश्व प्रजनन फार्म – राजस्थान में दस फार्म है। गांधीनगर (जयपुर), बिलाड़ा (जोधपुर), बाली (पाली), सिवाणा (बाड़मेर), जालौर, सिरोही, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ तथा बीकानेर, मनोहरथाना (झालावाड़)।
- नीजि क्षेत्र का पहला अश्व प्रजनन फार्म – मारवाड़ अश्व प्रजनन एवं अनुसंधान संस्थान केरू, जोधपुर में खोला गया।
- गौवंश प्रजनन फार्म – कुम्हेर-हरियाणवी गाय/मुर्राह भैंस, नागौर-नागौरी गौवंश, डग-झालवाड़ (मालवी नस्ल)।
राजस्थान राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादन संघ (Rajasthan Co-operation Dairy Fedration -RCDF) – द्वारा खाले गये केन्द : 1977 में स्थापना
- गौसंवर्द्धन फार्म – बस्सी-सीमन बैंक (हिमीकृत वीर्य बैंक) – बस्सी (जयपुर) व नारवा खिंचियान (जोधपुर)।
- स्वामी केशवानन्द कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर– द्वारा खोले गये अनुसंधान केन्द्र :
(i) गोवत्स परिपालन केन्द्र – नोहर (हनुमानगढ़) – राठी नस्ल के लिए।
(ii) Bull Mother फार्म – चाँदन गांव (जैसलमेर)।
महाराणा प्रताप कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय (उदयपुर) के द्वारा स्थापित केन्द्र :
- भैंस प्रजनन एवं अनुसंधान केन्द्र –वल्लभनगर (उदयपुर)।
- भेड़ व ऊन विभाग(पशुपालन विभाग – 1957) : भेड़ व ऊन विभाग अलग से 1963 में खोला गया तथा 2000-01 में इसका विलय पशुपालन विभाग में कर दिया गया।