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ELECTROSTATICS

ELECTROSTATICS TEST - 04

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If an electric dipole is placed in an electric field generated by a point charge then :–
एक विद्युत द्विध्रुव को एक बिंदु आवेश द्वारा उत्पन्न विद्युत् क्षेत्र में रख दिया जाता है तो

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A charge Q is enclosed by a Gaussian spherical surface of radius R. If the radius is doubled, then the outward electric flux will :-
एक आवेश Q त्रिज्या R के किसी गाठसीय गोलीय पृष्ठ से परिबद्ध है। यदि त्रिज्या को दुगुना कर दिया जाय तो, बाहर की ओर विद्युत फ्लक्स

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An uncharged sphere of metal is placed in between two charged plates as shown. The lines of force appear as :-
धातु का एक अनावेशित गोला दो आवेशित प्लेटों के बीच चित्र के अनुसार रखा गया है वैद्युत बल रेखाओं की प्रकृति किस प्रकार की होगी :

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Consider a conducting spherical shell of radius R with its centre at the origin, carrying uniform positive surface charge density. The variation of the magnitude of the electric field \left | \vec{E}\left ( r \right ) \right |r and the electric potential V(r) with the distance r from the centre, is best represented by the graph (Here dotted line represents potential curve and bold line represents electric field curve) :-
एक पतले गोलीय कोश (Shell) का केन्द्र उद्गम पर हैव त्रिज्या R है। उस पर धनावेश इस प्रकार वितरित है कि पृष्ठ-घनत्व एक समान है। विद्युत क्षेत्र के मान | \left | \vec{E}\left ( r \right ) \right |) और विद्युत विभव V(r) का, केन्द्र से दूरी के साथ बदलाव का सर्वोत्तम प्रदर्शन किस ग्राफ में है (यहाँ विन्दुवत ग्राफ विभव एवं गहरी रेखा वाला ग्राफ विद्युत क्षेत्र को निरूपित कर रहा है)

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Three charges each +q are placed at the three corners of an isosceles triangle ABC with sides BC and AC each equal to 2a. D and E are the mid points of BC and CA respectively. The work done in taking a charge Q from D to E is :-
एक समद्विबाहु त्रिभुज ABC की भुजा BC और AC, 2a है। इसके प्रत्येक कोने पर +q आवेश स्थित है। बिन्दु D और E क्रमश: भुजाओं BC और CA के मध्य बिन्दु है। तो D से E तक किसी आवेश Q को ले जाने में किया गया कार्य होगा :

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A big hollow metal sphere A is charged to 100 volts and another smaller hollow sphere B is charged to 50 volts. If B is put inside A and joined with a metallic wire, then the direction of charge flow :-
एक बड़ा खोखला धातु के गोले A को 100 V विभवान्तर तक आवेशित तथा दूसरे छोटे खोखले गोले B को 50V विभवान्तर तक आवेशित किया गया है यदि B को A के अन्दर रखकर एक धातु के तार से जोड़ दिया जाए तब आवेश के प्रवाह की दिशा होगी:

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Four electric charges + q, +q, – q and – q are placed at the corners of a square of side 2L(see figure). The electric potential at point A, midway between the two charges +q and +q, is :-
चित्र में दिखाये गये अनुसार 2L भुजा के एक वर्ग के चार कोनों पर + q+q,-q और -q आवेश स्थित है, दो आवेश +q और+q के बीच के मध्य बिन्दु A पर विद्युत विभव है:

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A square surface of side L metres is in the plane of the paper. A uniform electric field \vec{E} (volt/m), also in the plane of the paper, is limited only to the lower half of the square surface (see figure). The electric flux in SI units associated with the surface is :–
L मीटर भुजा का एक वर्गाकार तल कागज तल में स्थित है। कागज के तल में क्रियाकारी एक अचर वैद्युत क्षेत्र \vec{E} (वोल्ट/मीटर) चित्र में दिखाए अनुसार वर्गाकार तल के केवल निचले अर्धभाग में सीमित है। तल से सम्बद्ध वैद्युत फ्लक्स SI मात्रकों में होगा

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Charges +q and –q are placed at points A and B respectively which are a distance 2L apart, C is the mid point of A and B. The work done in moving a charge +Q along the semicircle CRD is :-
दो आवेश +q और -q चित्र में दिखाये अनुसार क्रमानुसार A और B बिन्दुओं पर स्थित है। उनके बीच की दूरी 2L है A और B के बीच C मध्य बिन्दु है। एक अन्य आवेख+Q को CRD अर्धवृत्त पर चलाने से किया गया कार्य होगा

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Two conductors are of same shape and size. One of copper and the other of aluminium (less conducting) are placed in an uniform electric field. The charge induced in aluminium :-
दो चालक समान रूप तथा आकार के है। एक ताँबे का तथा दूसरा ऐल्यूमिनियम (अपेक्षाकृत कम चालक) का है, दोनों को समरूप वैद्युत क्षेत्र में रखा गया है। ऐल्यूमिनियम में प्रेरित आवेश का परिमाण होगा

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The force on a charge situated on the axis of a dipole is F; if the charge is shifted to double the distance, the force acting will be :-
एक द्विध्रुव की अक्षीय रेखा पर केन्द्र से d दूरी पर स्थित आवेश पर बल का मान F है, यदि आवेश को दुगनी दूरी तक विस्थापित कर दे तो बल का मान हो जायेगा :

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Two parallel large thin metal sheets have equal surface charge densities(σ= 26·4 × 10–12 C/m2) of opposite signs. The electric field between these sheets is :-
दो समानान्तर बडी पतली धातु की चादरों (शीटों) पर विपरीत चिन्हों का समान पृष्ठ -आवेश -घनत्व (σ= 26·4 × 10–12 C/m2) इन चादरों के बीच विद्युत क्षेत्र है :

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What will be the ratio of electric field at a point on the axis and an equidistant point on the equatorial line of a dipole :–
एक द्विध्रुव की अक्ष एवं निरक्ष पर विद्युत क्षेत्रों का अनुपात है

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A charge given to any conductor resides on its outer surface, because :-
किसी चालक को दिया गया आवेश उसकी बाहरी सतह पर रहता है क्योंकि :

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For a uniformly charged sphere, the electric field from its centre :-
किसी समरूप आवेशित गोले के लिये इसके केन्द्र से विद्युत क्षेत्र :

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The spatial distribution of the electric field lines due to charges (A, B) is shown in figure. Which one of the following statements is correct ?
दो आवेशों (A, B) के फलस्वरूप विद्युत क्षेत्र का स्थानिक वितरण चित्र में दिखाया गया है। निम्नलिखित कथनों में से कौनसा सही है

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For a dipole q = 2 × 10–6 C ; d = 0.01m; find the maximum torque on the dipole if E = 5 × 105 N/C :–
एक द्विध्रुव के लिएq = 2x10-6 कूलॉम, d=0.01m है यदि E = 5 × 105 न्यूटन/कूलॉम है, तो द्विध्रुव पर अधिकतम बल आघूर्ण होगा :

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A straight cylindrical wire of infinite length produces electric field of strength 9 × 104 N/C at a distance of 10 cm. Linear charge density of the wire is :-
एक अनन्त लम्बाई का सीधा बेलनाकार तार इससे 10cm की दूरी पर 9x104 N/C का विद्युत क्षेत्र उत्पन्न करता है। तार का रेखिक आवेश घनत्व है:

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An electric dipole of dipole moment \vec{p} is lying along a uniform electric field \vec{E} . The work done in rotating the dipole by 90° is :–
\vec{p} आघूर्ण का एक वैद्युत द्विध्रुव, अचर वैद्युत क्षेत्र \vec{E} के अनुदिश स्थित है। इस द्विध्रुव को 90° से घुमाने में किया गया कार्य होगा :

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Two concentric conducting spheres are of radii r1 and r2. The outer sphere is given a charge q. The charge q’ on the inner sphere will be (inner sphere is grounded) :-
त्रिज्याऐं r1 तथा r2 के संकेन्द्रीय चालक गोले है बाहरी गोले को आवेश q दिया जाता है। आन्तरिक गोले पर आवेश q' होगा (आन्तरिक गोले को भूसम्पर्कित किया गया है):

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