प्रष्न मेरिनों नस्ल से प्रतिवर्ष ऊन कितने किग्रा. प्राप्त होती है:-
प्रष्न मुर्गी की लड़ाकू नस्ल है:-
प्रष्न मुर्गी की किस नस्ल का शरीर व मांस दोनों काले होते है:-
प्रष्न मुर्गी की कौनसी नस्ल माँस हेतु सर्वोत्तम है:-
प्रष्न व्हाइटलैगहार्न की र्मुिर्गयाँ कितने माह की उम्र में अण्डे देना प्रारम्भ कर देती है:-
प्रष्न मेरीनों नस्ल के नर व मादा का शरीर भार होता है:-
प्रष्न अविविस्त्र नस्ल की भेेड़ से कितने किग्रा ऊन प्राप्त होती है:-
प्रष्न केन्द्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान ;इज्जतनगरद्ध की स्थापना किस वर्ष में हुई:-
प्रष्न जैसलमेरी भेड़ से प्रतिवर्ष कितने किग्रा ऊन प्राप्त होती है:-
प्रष्न प्लाईमाउथ राॅक मुर्गी के नर व मादा का भार:-
प्रष्न जंगली मुर्गी का जन्तु वैज्ञानिक नाम हे:-
प्रष्न पालतु मुर्गी का जन्तु वैज्ञानिक नाम है:-
प्रष्न हमारे दश्ेा में सर्वाधिक पाली जाने वाली मुगी है:-
प्रष्न भारत मंे मुर्गीपालन में कौनसा राज्य अग्रणी है:-
प्रष्न भेड़ की कौनसी नस्ल टोक, जयपुर व सवाई माधोपुर में पाली जाती है:-
प्रष्न राजस्थान में मुर्गी पालन में अग्रणी जिला है:-
प्रष्न एक मुर्गी के अण्डे का औसत भार होता है:-
प्रष्न सम्पूर्ण अण्डे में श्वेतक, जर्दी व कवच का प्रतिशत क्रमशः है:-
प्रष्न एक मुर्गी के अण्डे में श्वेतक तथा जर्दी क्रमशः होती हे:-
प्रष्न सम्पूर्ण अण्डे में जल की मात्रा होती है:-
प्रष्न एक अण्डे से कितने कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है:-
प्रष्न यदि कुक्कुट पालन में अण्डोत्पादन हेतु मादा व नर का अनुपात होना चाहिये:-
प्रष्न मुर्गी के माँस को कहते है:-
प्रष्न वर्तमान में हमारे देश में प्रति व्यकित अण्डों की उपलब्धता है:-
प्रष्न भारत का विश्व में अण्डोत्पादन में व मुर्गी के मांस के उत्पादन में स्थान है:-
प्रष्न मुर्गी के अण्डे का कवच बना होता है:-
प्रष्न एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन कितने ग्राम प्रोटीन व उनमें से कितनी ग्राम प्रोटीन पशु जनित होनी चाहिये:-
प्रष्न अण्डों के कवच पर छिद्रो की संख्या है:-
प्रष्न कवच के भीतर कितनी पतली झिल्लियाँ होती है:-
प्रष्न अण्डे के कवच का मुख्य कार्य है:-
प्रष्न अण्डे का कौनसा भाग अण्डे की जर्दी को अण्डे के मध्य में स्थिर करता या रखता है:-
प्रष्न कवच को मजबूती एवं भ्रूण को कैल्शियम उपलब्ध कराने का कार्य करती है:-
प्रष्न मासांहारी निषेचित अण्डों को ब्लास्ट डर्म कहलाता है:-
प्रष्न निषेचित अण्डे का चयन करते समय कम से कम कितने दिन पूर्व नर मुर्गे को मुर्गियों के साथ रखना चाहिये:-
प्रष्न जिन मुर्गियों के अण्डों का चयन किया जाता है, उनकी आयु होनी चाहिये:-
प्रष्न निम्न में से कौनसी बीमारी अण्डों के माध्यम से चूजों में फैल सकती है:-
प्रष्न चयनित किये गये अण्डों की संग्रह अविध गर्मी व सर्दी में क्रमशः होनी चाहिये:-
प्रष्न एक अण्डे से कितने दिनों में चूजा बाहर आ जाता है:-
प्रष्न ठण्डे स्थानो ंपर संग्रहण किये गये दो अण्डों के मध्य कितना अन्तराल होना चाहिये:-
प्रष्न अण्डे सेयने हेतु सर्वोत्तम समय है:-
प्रष्न प्राकृतिक विधि में अण्डे सेयने में काम में लेते है:-
प्रष्न एक कुड़क मुर्गी एक समय में कितने अण्डों के आसानी से सेय सकती है:-
प्रष्न प्राकृतिक विधि से अण्डे सेयते समय कुड़क मुर्गी के नीचे रखे अण्डों की जांच कितने दिनों बाद करनी चाहिये:-
प्रष्न प्राकृतिक विधि में मुर्गी को अण्डे सेयन हेतु कितने समय तक अण्डों पर से हटाते है:-
प्रष्न कृत्रिम विधि से अण्डे सेयने हेतु काम में लेते है:-
प्रष्न आजकल किस प्राकर के इन्क्यूबेटर का अण्डे सेयने हेतु प्रचलन अधिक है:-
प्रष्न कृत्रिम विधि से एक बार में कितने अण्डे सेये जा कसते है:-
प्रष्न इन्क्यूबेटर 31 निर्जलीकरण हेतु 40 ml फार्मलीन तथा 20 gram KMNO4 मिलाने से कितनी फार्मेल्डिहाइड़ गैस कितने स्थान को जीवाणु रहित करता है:-
प्रष्न इन्क्यूबेटर से अण्डे सेयने हेतु इन्क्यूबेटर का तापक्रम रखना चाहिये:-
प्रष्न चूजें कितने समय तक अण्डों से बाहर निकलने के बाद आहार देने की जरूरत नहीं होती है:-
प्रष्न अण्डे के कौनसे भाग से चूजे बाहर निकलते है:-
प्रष्न इन्क्यूबेटर द्वारा ;कृत्रिम विधि मेंद्ध प्राकृतिक विधि की तुलना में चूजे निकलने का: होता हे:-
प्रष्न अण्डों से चूजा बाहर आने के पश्चात उसे पालने को कहते है:-
प्रष्न ब्रूडिंग की क्रिया में कितनी उम्र के चूजे पाले जाते है:-
प्रष्न 8 सप्ताह की उम्र से मुर्गी की उत्पादन अवस्था तक पालने की क्रिया कहलाती है:-
प्रष्न प्राकृतिक विधि से चूजों का लालन पालन करने हेतु सर्वोत्तम मानी जाती है:-
प्रष्न एक मुर्गी आकार व मौसम को ध्यान रखते हुए कितने चूजे पाल सकती है:-
प्रष्न चूजे पालने हेतु दड़वे का आकार लगभग होना चाहिये:-
प्रष्न चूजे पालने की कृत्रिम विधि से किस यंत्र का प्रयोग किया जाता है:-
प्रष्न अधिक संख्या में चूजे पालने हेतु किस ब्रूडर का उपयोग किया जाता है:-
प्रष्न हमारे देश से चूजे पालने हेतु सामान्यतः प्रयोग किये जाने वलो हाॅपर बूडर ;4 व्यास वालेद्ध में कितने चूजों को एक साथ रखा जा सकता है:-
प्रष्न हाॅवर बू्रडर का तापक्रम सामान्यतः होना चािहये:-
प्रष्न अण्डो उत्पादन हेतु व ब्राइलर हेतु ब्रूडिंग व रियरिंग हेतु प्रति चूजा क्रमशः होना चाहिये:-
प्रष्न ब्रूडर मे ंप्रथम सप्तह में तापमान रखते है:-
प्रष्न ब्रूडर में आर्द्रता रखनी चाहिये:-
प्रष्न अधिक आर्द्रता से मुर्गियों में बीमारी हो सकती है:-
प्रष्न चूजों की कितनी आयु पर उनकी चोंच काट देनी चाहिये:-
प्रष्न पक्षियों का एक दूसरे को चोंच काटकर घायल कर देना कहलाता है:-
प्रष्न डिबिकिंग में चोंच को काटते है:-
प्रष्न मुर्गियों के शरीर व आंतों में पाये जाने वलो कृमियो को मारना कहलाता है:-
प्रष्न बन्धियाकरण करने के लिये मुर्गी के शरीर से निकाले जाते है:-
प्रष्न मुर्गीपालन व्यवसाय के आधार पर कितने व्यय आहार पर होता है:-
प्रष्न 100 वृद्धिरत मुर्गियों का 9-10 सप्ताह कितने ाह आहार देना चाहिये
प्रष्न मुर्गियाँ जो मांस उत्पादन हेतु पाली जाती है:-
प्रष्न अधिक लाभ प्राप्त करने हेतु अण्डा देने वाली मुर्गियों के लिए कितना दाना प्रतिदिन देना चाहियेः-
प्रष्न चूजों का आहार कहलाता है:-
प्रष्न ब्रायलर को 5 सप्ताह की आयु तक व इसके पश्चात बेचने तक दिया जाने वाले राशन क्रमशः हैः-
प्रष्न मुर्गियों के आहार में प्रोटीन की मात्रा होनी चाहिये:-
प्रष्न मांस हेतु पाली गई मुर्गियों को दिया जाने वाला आहार है:-
प्रष्न गहरी बिछावन पद्धति मेें 100 मुर्गियों हेतु आवास का आकार रखा जाता है:-
प्रष्न उन्नत किस्म के दाने पात्र का वह भाग, जिसमें दाना भरा जाता हे, कहलाता है:-
प्रष्न हमारे दश्ेा में कितनी मुर्गिंयाँ घर के पीछे पाली जाती है:-
प्रष्न गहरी बिछावन प्रणाली में 200 मुर्गियों हेतु कितना स्थान चाहिये:-
प्रष्न गहरी बिछावन प्रणाली में 500 मुर्गियों हेतु कितना स्थान चाहिये:-
प्रष्न गहरी बिछावन प्रणाली में 1000 मुर्गियों हेतु कितना स्थान चाहिये:-
प्रष्न कुक्कुट शाला में मुर्गियों की पाचन शक्ति को ठीक बनाये रखने के लिये मुर्गियों को खिलााते है:-
प्रष्न मुर्गियों को विटामिन । व रेशे की पूर्ति हेतु खिलाते है:-
प्रष्न 50 मुर्गियों हेतु कितन आकार का सामुदायिक घोसला (अण्डे देने हेतु) बनवाया जा सकता है:-
प्रष्न एक पक्षी वाले पिंजरे का आकार होता है:-
प्रष्न वाष्पशील तेल
प्रष्न घी में वसा की मात्रा होती है:-
प्रष्न निम्न में से मगेसल्फ का उपयोग:-
प्रष्न वह दुग्ध पदार्थ, जिसमें वसा की मात्रा 99% शुद्ध रूप में पायी जाती है और यह सामान्य तापक्रम (20°C) तरल एवं अर्द्ध तरल अवस्था में रहता है:-
प्रष्न ऐसी औषधियाँ जो फुफ्फुस नाल की उदासीनता को कम करती है, कहलाती है:-
प्रष्न ऐसी ठोस कर्णदार, कड़वे या कसेले स्वाद वाली, सफेद तथा गन्धहीन रेचक औषधि जो पानी में घुलनशील व जीभ पर रख्ने पर ठण्डी लगती है, कहलाती है:-
प्रष्न 1 ग्राम वसा के सेवन से शरी को कितनी ऊर्जा प्राप्त होती हे:-
प्रष्न पशुशाला के फर्श, दीवारेां, नालियों तथा अन्य गन्दे स्थानों को रोगाणुओं से मुक्त करने हेतु फिनाइल के कितने प्रतिशत घोल से धोना चाहिये:-
प्रष्न क्रीम से घी बनाने में क्रीम को कितने तापक्रम पर गर्म करके घी तैयार किया जाता है:-