Reasoning CALENDER Notes in Hindi

 




 

महीने चार प्रकार के होते हैं – 31 दिन वाले, 30 दिन वाले तथा फरवरी 28 या 29 दिन हो सकती है।
31 दिन वाले महीने (जनवरी, मार्च, मई, जुलाई, अगस्त, अक्टूबर, दिसंबर) में अतिरिक्त दिनों की संख्या 31/7 = 4 सप्ताह + 3 अतिरिक्त दिन
= 3 अतिरिक्त दिन

  • 30 दिन वाले महीने (अप्रैल, जून, सितंबर, नवंबर) में अतिरिक्त दिनों की संख्या –
    30/7 = 4 सप्ताह + 2 अतिरिक्त दिन
    = 2 अतिरिक्त दिन
  • लीप वर्ष में फरवरी, 29 दिन की होती है, तब अतिरिक्त दिनों की संख्या
    29/7 = 4 सप्ताह + 1 अतिरिक्त दिन
    = 1 अतिरिक्त दिन
  • साधारण वर्ष में फरवरी 28 दिन की होती है, तब अतिरिक्त दिनों की संख्या।
    28/7 = 4 सप्ताह + 0 अतिरिक्त दिन
    = 0 अतिरिक्त दिन
  • 100, 200, 300वां वर्ष लीप वर्ष नहीं होते साधारण वर्ष होते हैं। केवल 400वां वर्ष या 400 के गुणज वाले शताब्दी वर्ष ही लीप वर्ष होते हैं अर्थात् 800, 1200, 1600, 2000
  • 100 वर्ष = 76 साधारण वर्ष + 24 लीप वर्ष
    = 76 × 1 + 24 × 2 (साधारण वर्ष में एक तथा लीप वर्ष में 2 अतिरिक्त दिन होते हैं।)
    = 76 + 48
    = 124 अतिरिक्त दिन
    = 17 सप्ताह + 5 अतिरिक्त दिन
    = 5 अतिरिक्त दिन
  • 200 वर्षों में अतिरिक्त दिन = 2 × 100 वर्ष
    = 2 × 5 अतिरिक्त दिन
    = 10 अतिरिक्त दिन (एक सप्ताह + 3 अतिरिक्त दिन)
    = 3 अतिरिक्त दिन
  • 300 वर्ष = 3 × 100 वर्ष
    = 3 × 5 अतिरिक्त दिन
    = 15 अतिरिक्त दिन (2 सप्ताह + 1 अतिरिक्त दिन)
    = 1 अतिरिक्त दिन
  • 400 वर्ष = 4 × 100 वर्ष
    = 4 × 5 अतिरिक्त दिन
    = 20 अतिरिक्त दिन
    परंतु 400 वर्ष लीप वर्ष होता है। अत: अतिरिक्त दिनों की संख्या में 1 जोड़ना होगा।
    = 20 + 1 = 21 अतिरिक्त दिन
    = 21 (3 सप्ताह + 0 अतिरिक्त दिन)
    = 0 अतिरिक्त दिन
    अत: 400 वर्ष में कोई अतिरिक्त दिन नहीं होता है।

 




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