राजस्थान मे परिवहन नोट्स




क्र.संस्थास्थापनाउद्देश्य
1.राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम लिमिटेड (RSRDCC)2001 मेंआधुनिक पुलों, सड़कों तथा भवनों के निर्माण को अतिशीघ्रता से तथा योजनाबद्ध तरीके से पूर्ण करना।
2.राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्डकृषि उपज मण्डी को सीधे गाँवों से जोड़ने के लिए सड़कों का निर्माण। सड़कों की मरम्मत तथा निर्माण में भूमिका निभाना।
3.सीमा सड़क संगठन (BRO)मई, 1960उत्तर और उत्तर-पूर्वी सीमावर्ती इलाकों में सड़कों का विकास करना। वर्तमान में यह अंतर्राष्ट्रीय सीमावर्ती जिलों में सड़क निर्माण का कार्य करता है।
4.राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC)अक्टूबर, 1964यह राज्य में यात्री सुविधाएँ उपलब्ध कराता है। इसका मुख्यालय जयपुर में है।
5.राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD)12 जुलाई, 1982कृषि तथा ग्रामीण क्षेत्र का विकास करना।
6.भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)1995 मेंयह केंद्रीय सरकार का संगठन है तथा राष्ट्रीय उच्च मार्ग व एक्सप्रेस मार्गों का निर्माण व रखरखाव का कार्य करता है।
7.राजस्थान आधारभूत पथ विकास कम्पनी (RIDCOR)अक्टूबर, 2004राजस्थान सरकार तथा इंफ्रास्ट्रक्चर लिजिंग एण्ड फाइनेंशियल सर्विस (ILFS) की 50:50 की भागीदारी से बनी कम्पनी, जो राजस्थान के “मेगा हाइवे परियोजना’ का संचालन करती है।

रिडकोर के अध्यक्ष राजस्थान के मुख्य सचिव हैं।

  • जयपुर-गुरूग्राम राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8 का छः लेन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जिसकी लागत 1,897 करोड़ व लम्बाई 225 किमी. है।
  • जयपुर-देवली-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-12 का चार लेन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग़ों को दो, चार एवं छः लेन में विकसित करने की 10 परियोजनाएं जिनकी लागत 7789 करोड़ व लम्बाई 888 किमी. है वर्ष 2016 में स्वीकृत की गई है।


राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC)

  • राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) की स्थापना 1 अक्टूबर 1964 को सड़क परिवहन निगम अधिनियम, 1950 के अधीन की गई थी।
  • वर्तमान में, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) द्वारा कुल 4,607 स्वयं की एवं संविदा पर ली गई निजी बसों का संचालन किय जा रहा है।

राजस्थान ग्रामीण परिवहन सेवा 

  • इस योजना के अन्तर्गत 18 जिलों के 1,434 ग्राम पंचायतों में 64 क्लस्टर्स पर 370 वाहन सार्वजनिक निजी सहभागिता(पी.पी.पी.)  मोड द्वारा परस्पर संबद्ध हैं।
  • इसके अतिरिक्त, निगम की 45 मिडी बसों का संचालन कर 352 ग्राम पंचायतों को ग्रामीण परिवहन सेवा से जोड़ा गया है।
  • वर्तमान में 5,375 ग्राम पंचायतें निगम की नियमित सेवा के माध्यम से जुड़ी हुई हैं।


राजस्थान लोक परिवहन सेवा

  • राज्य में आमजन को सुलभ, सुगम, सस्ती एवं सुरक्षित यातायात सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लोक परिवहन सेवा को 476 राष्ट्रीकृत मार्गों को अधिसूचित कर अराष्ट्रीयकरण करते हुए निजी बस ऑपरेटरों को इन मार्गों पर संचालन की अनुमति दी गई है।
  • इस क्रम मेंराजस्थान लोक परिवहन सेवा’ का शुभारम्भ दिनांक 13 नवम्बर, 2015 को मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे द्वारा किया गया है।

निर्भया बस

  • महिलाओं को सुरक्षित परिवहन उपलब्ध कराने के लिए केन्द्रीय सड़क विकास मंत्री श्री नितिन गड़करी ने राजस्थान राज्य परिवहन निगम की ‘निर्भया बस’ की 25 मई, 2016 को शुरूआत की।
  • इन बसों में CCTV कैमरे तथा आपातकालीन अलार्म भी लगाए गए है। यह महिलाओं की सुरक्षा के संदर्भ में सशक्त प्रयास है।


मोटर वाहन पंजीयन के लिए निम्न प्रकार के नवाचार किये जा रहे हैं-

  • वाहन पंजीयन प्रमाण-पत्र एवं ड्राइविंग लाइसेन्स के लिए स्मार्ट कार्ड जारी किये जा रहे हैं।
  • लाइसेन्स आवेदन हेतु ऑनलाइन लाइसेन्स पोर्टल योजना प्रारंभ की गई है।
  • तीन जिला परिवहन कार्यालयों में वेब आधारित वाहन पंजीयन सॉफ्टवेयर प्रारम्भ किया गए है।
  • सारथी-: चालको एवं परिचालको को लाइसेंस के कम्प्यूटराईजेशन के लिए विकसित साॅफ्टवेयर।

राजस्थान में सड़क विकास हेतु किए जा रहे प्रयास या विभिन्न

परियोजनाएँ

  • सड़कों के विकास, संचालन, सुरक्षा एवं राजमार्गो तथा सलंग्न भूमियों के नियमन हेतु राजस्थान राज्यमार्ग अधिनियम 2014, 8 मई, 2015 से लागू किया गया।
  • राजस्थान स्टेट हाईवेज ऑथोरिटी (SHAR) :- का गठन दिनांक 2 जून, 2015 को किया गया।
  • मलेशिया सरकार द्वारा रिसर्जेन्ट राजस्थान के दौरान दिनांक 19 नवम्बर, 2015 को राजमार्गें के विकास हेतु मलेशियन कम्पनियों के माध्यम से 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश का करार हुआ है। उक्त निवेश से लगभग 4000 किमी. लम्बाई की सड़कों का विकास किया जाना प्रस्तावित है।

ग्रामीण गौरव पथ योजना :-

  • वर्ष 2014-15 में ‘ग्रामीण गौरव पथ योजना’ प्रारंभ की गई है।
  • इस योजना के तहत आगामी तीन वर्षों में प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर 5 से 2 किमी. की सड़क ‘ग्रामीण गौरव पथ’ के रूप में मय नाली निर्माण विकसित किया जाना है।
  • प्रथम चरण में 2154 पंचायत मुख्यालयों का चयन कर 2119 किमी. लम्बाई के ‘ग्रामीण गौरव पथ’ का निर्माण किया जा रहा है।


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