राजस्थान सड़क क्षेत्र आधुनिकीकरण परियोजना (RRSMP)
- वर्ष 2013-14 में विश्व बैंक वित्तपोषित यह नवीन परियोजना प्रारम्भ की गई थी।
- इसके अन्तर्गत 2001 की जनगणना के अनुसार सामान्य क्षेत्र में 250 से 499 आबादी के सभी राजस्व गाँवों को सड़कों से जोड़ा जाना है।
- इस परियोजना की अनुमानित लागत 1362 करोड़ रुपये है।
- 2 जनवरी, 2014 को परियोजना का अनुबंध किया गया है।
जन-निजी सहभागिता (पीपीपी) पद्धति से सड़कों के विकास की
नीति :–
- भारत सरकार द्वारा ऐसे राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्यमार्गों एवं मुख्य सड़कों जिन पर कि तुलनात्मक रूप से यातायात का दबाव कम है, के विकास हेतु जन-निजी सहभागिता (PPP) कार्यक्रम के अन्तर्गत नई नीति प्रतिपादित की गई है।
- इस नीति के अनुसार परियोजना की कुल लागत की अधिकतम 20 प्रतिशत तक की राशि भारत सरकार द्वारा वीजीएफ (बाईबिलिटी गेप फण्ड) के रूप में वहन की जायेगी तथा लागत के अधिकतम 20 प्रतिशत तक की राशि राज्य सरकार द्वारा आपरेशन मेंटीनेन्स सहायता O & M Support के रूप में दी जा सकेगी।
- राष्ट्रीय राजमार्गों के मामलों में 40 प्रतिशत तक की राशि भारत सरकार द्वारा वहन की जायेगी।
- पीपीपी आधार पर राज्य मार्गों पर विकास :-20 हजार किमी. लम्बाई के राज्य राज मार्गों का विकास पीपीपी आधार पर किये जाने की योजना के तहत प्रथम चरण में 8910 किमी. लम्बाई के 132 मार्गों के चयन कर रिपोर्ट तैयार कर ली गई है।
- अधिकांश सड़कों का विकास पीपीपी-एन्यूटी पद्धति पर किया जायेगा।
- इस हेतु 50 प्रतिशत राशि का प्रबन्ध राज्य सरकार द्वारा विश्व बैंक, एशियन विकास बैंक से किया जायेगा।
दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक गलियारा :-
- दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक गलियारा 90 बिलियन यूएस डॉलर की एक महत्वाकांक्षी मेगा ढाँचागत परियोजना (Mega Infrastructure Project) है जो जापान की वित्तीय व तकनीकी सहायता से क्रियान्वित की जा रही है।
- इसके तहत् भारत की राजनीतिक राजधानी दिल्ली व व्यावसायिक राजधानी मुम्बई के मध्य 1483 किमी. लम्बा कॉरिडोर बनाया जा रहा है।
- यह कॉरिडोर मुम्बई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट को दादरी (उत्तर प्रदेश) से जोड़ता है।
- इसकी कुल लम्बाई का 39 प्रतिशत राजस्थान से तथा 38 प्रतिशत भाग गुजरात से गुजरेगा।
- राजस्थान में दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रीयल कॉरिडॉर परियोजना को आवश्यक गति प्रदान करने व औद्योगिकीकरण एवं बुनियादी ढाँचा अपग्रेड करने के लिए फरवरी, 2014 में राज्य सरकार द्वारा पृथक से डी.एम.आई.सी. विभाग स्थापित किया गया।
- राजस्थान में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडॉर (DMIC) की कुल लम्बाई 576 किमी. है। यह हिस्सा राजस्थान के 7 जिलों-अलवर, सीकर, नागौर, जयपुर, अजमेर, पाली व सिरोही से होकर गुजरेगा।
- डीएमआईसी कॉरिडोर के विकास की परिधि में 22 जिले सम्मिलित हैं। इस क्षेत्र में 5 नोड्स विकसित किए जाएँगे जिनमें 2 इन्वेस्टमेंट रीजन व तीन औद्योगिक क्षेत्र हैं।
- प्रथम चरण में खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना इन्वेस्टमेंट रीजन व जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जाएगा।
- योजना के तहत् राज्य में चयनित 5 नोड्स में मुख्य रूप से निम्न विकास कार्य किए जाएँगे-