राजस्थान मे परिवहन नोट्स




राजस्थान में सड़क निर्माण की संस्थाएं :-

  1. सड़क नीति घोषित करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है।
  2. RSRTC  राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम – स्थापना 1 अक्टूबर, 1964, आदर्श वाक्य –शुभास्ते पन्थान : सन्तु
  3. राजस्थान में पहली राजकीय बस टोंक से जयपुर 1952 में चलायी गई।
  4. हाड़ौती यातायात प्रशिक्षण पार्क कोटा में है।
  5. राजस्थान राज्य सुरक्षा परिषद का गठन 3 जुलाई, 2009 को किया गया।
  6. मोटर ड्राइविंग प्रशिक्षण संस्थान जयपुर में है।
  7. लर्निंग लाइसेंस को 2011-12 के बजट में ऑनलाईन कर दिया गया है।
  8. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शत प्रतिशत केन्द्र सरकार की योजना है।
  9. चेतक परियोजना सीमावर्ती जिलों से सम्बन्धित है।
  • राज्य का पहला एस्केलेटर ओवर ब्रिज एवं फुट ब्रिज जयपुर में नारायणसिंह सर्किल पर शुरू हुआ।


रेल परिवहन

  • मार्च, 2016 में राज्य में रेल मार्गो की कुल लम्बाई 5,893 किमी. थी, जो कि मार्च, 2018 के अन्त तक5,929 किमी. हो गई।
  • राज्य में भारतीय रेल मार्ग का 66 प्रतिशत रेलमार्ग की लम्बाई है।
  • भारत में रेलमार्गों का निर्माण 1850 ई. में तत्कालीन वॉयसराय लार्ड डलहौजी के कार्यकाल में आरम्भ हुआ तथा रेल सेवा का प्रारम्भ 16 अपैल 1853 ई. को महाराष्ट्र के बोरीबंदर (मुंबई) से थाणेके मध्य (81 कि.मी.) हुआ।
  • भारतीय रेल प्रणाली एशिया की सबसे बड़ी रेल प्रणाली है।
  • उत्तर प्रदेश के पश्चात् राजस्थान देश में रेलमार्गों की सर्वाधिक लम्बाई वाला राज्य है।
  • इसमें77% ब्रॉड गेज, 16.9% मीटर गेज तथा 1.33%नैरोगेज रेलमार्ग शामिल है।
  • भारत में रेलवे को 17 जोन व 67 मण्डलों में बाँटा गया है। इसमें से पाँच जोन एवं नौ मंडलों का कार्यक्षेत्र राजस्थान में पड़ता है। इसमें से 1 अपैल, 2003 को गठित नवीन जोन उत्तर-पश्चिम रेलवे(NWR) का मुख्यालय जयपुर में है।
  • राज्य में रेलमार्गें का घनत्व 16 कि.मी प्रति हजार वर्ग कि.मी.है।
  • राज्य में ‘भारतीय रेल अनुसंधान व परीक्षण केन्द्र’ का निर्माण पचपदरा (बाड़मेर) में किया जायेगा, जिसमें तेजगति (180 कि.मी. प्रति घंटा) से चलने वाली ट्रेनों का परीक्षण किया जायेगा। यहाँ से बालोतरा तक 5 कि.मी. का आधुनिक रेलमार्ग बनाया जा रहा है।
  • भारत का सबसे बड़ा रेलवे मॉडल कक्ष उदयपुर में है।
  • राजस्थान का नवीनतम रेलमार्ग मदार (अजमेर)-पुष्कर के मध्य 23 जनवरी, 2012 को प्रारम्भ हो गया है।
  • राजस्थान में सर्वाधिक लम्बाई ब्रॉड गेज रेलामार्गें की है।
  • राज्य में एकमात्र नैरो गेज रेलमार्ग वाला जिला धौलपुर है। (76)
  • राजस्थान में पहली रेल आगरा फोर्ट से बांदीकुई (जयपुर रियासत) के मध्यअपेल, 1874 में चली।
  • राजस्थान की दूसरी तथा मारवाड़ में पहली रेल24 जून, 1882 को पाली से मारवाड़ जंक्शन के बीच चली।


जयपुर मेट्रो रेल परियोजना

  • जयपुर मेट्रो के प्रथम चरण का शिलान्यास 24 फरवरी, 2011 ई. को हुआ। इसमें प्रथम चरण में चाँदपोल से मानसरोवर तक चलाई जा रही है।
  • जयपुर में मेट्रो परियोजना के लिए ‘जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन’(JMRC) का गठन 1 जनवरी, 2010 को किया गया है।
  • प्रथम चरण में अजमेर पुलिया से सोडाला तक दोहरा एलिवेलेट ट्रेक का निर्माण किया गया है। यह ट्रेक देश का पहला और एशिया का दूसरा ट्रैक होगा जहाँ जमीन से ऊपर एलीवेटेड रोड और उसके ऊपर ही गुजरती मेट्रो रेल (Double Elevated Structure) होगी। थाइलैंड की राजधानी बैंकाक में एशिया का ऐसा पहला थ्री डेक ट्रेक है।
  • जयपुर मेट्रो रेल प्रणाली भारती की छठी मेट्रो रेल प्रणाली (कोलकाता, दिल्ली, बैंगलुरू, मुम्बई, गुरूग्राम के बाद है।)
  • मानवरोवर से चाँदपोल तक (चरण IA) मेट्रो रेल का संचालन 3 जून, 2015 से प्रारम्भ कर दिया गया है।
  • “ग्रीन एनर्जी’ मिशन के तहत जयपुर मेट्रो केमानसरोवर डिपो पर 100 KWP क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित किया गया  है।
  • डिजिटल इंडियामिशन के तहत जयपुर मेट्रो में यात्रियों की सुविधा हेतु स्वचालित टिकिट वेन्डिंग मशीन (टीवीएम) एवं स्मार्ट कार्ड का प्रावधान किया गया है।
  • ‘बिजली बचाओ देश बचाओं’ अभियान के तहत 12,800 एलईडी लाइट्स जयपुर मेट्रो के 9 किमी. लम्बे एलीवेटेड मार्ग पर लगाई गई है। यह भारत के किसी भीरेलवे नेटवर्क पर बनी सबसे लंबी एलईडी स्काई लाईन है।
  • ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ मिशन के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जयपुर मेट्रो केश्याम नगर मेट्रो स्टेशन को एक महिला शक्ति रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित किया गया है, जहाँ सभी मेट्रोकर्मी महिलाएँ है।


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