कच्छवाहा राजवंश

 




 

महाराजा रामसिंह द्वितीय (1835-1880 ई.)

  • महाराजा रामसिंह को नाबालिग होने के कारण ब्रिटिश सरकार ने अपने संरक्षण में ले लिया। इनके समय मेजर जॉन लुडलो ने जनवरी, 1843 ई. में जयपुर का प्रशासन संभाला सरकार ने अपने संरक्षण में ले लिया।
  • इनके समय मेजर जॉन लुडलो ने जनवरी, 1843 ई. में जयपुर का प्रशासन संभाला तथा उन्होंने सतीप्रथा, दास प्रथा एवं कन्या वध, दहेज प्रथा आदि पर रोक लगाने के आदेश जारी किये।
  • महाराजा रामसिंह को वयस्क होने के बाद शासन के समस्त अधिकार दिये गये। 1857 ई. के स्वतंत्रता आन्दोलन में महाराजा रामसिंह ने अंग्रेजों की भरपूर सहायता की। अंगेजी सरकार ने इन्हें सितार-ए-हिन्द कीउपाधि प्रदान की।
  • 1870 ई. में गवर्नर जनरल एवं वायसराय लॉर्ड मेयो ने जयपुर एवं अजमेर की यात्रा की।




     

  • दिसम्बर, 1875 ई. में गवर्नर जनरल नार्थब्रुक तथा फरवरी, 1876 ई. प्रिंस अल्बर्ट ने जयपुर की यात्रा की। उनकी यात्रा की स्मृति में जयपुर में अल्बर्ट हॉल (म्यूजियम) का शिलान्यास प्रिंस अल्बर्ट के हाथों     करवाया गया तथा जयपुर को गुलाबी रंग (1835 – 1880 ई.) से  रंगवाया ।
  • इनके समय सन् 1845 में जयपुर में महाराजा कॉलेज तथा संस्कृत कॉलेज का निर्माण हुआ। महाराजा रामसिंह के काल में जयपुर की काफी तरक्की हुई। 1880 ई. में इनका निधन हो गया।
  • जयपुर के सवाई प्रतापसिंह ने 1799 ई. में हवामहल का निर्माण करवाया। हवामहल में 953 खिड़कियाँ है तथा यह पाँच मंजिला है।




     

सवाई माधोसिंह द्वितीय (1880-1922 ई.):-

  • सवाई रामसिंह द्वितीय के देहांत के पश्चात माधोसिंह द्वितीय जयपुर के शासक बने।
  • 1902 ई. में माधोसिंह II ब्रिटिश सम्राट एडवर्ड सप्तम के राज्याभिषेक में शामिल होने इंग्लैंड गये तब वे अपने साथ गंगा जल से भरे हुए चांदी के दो विशाल जार लेकर गये थे।
  • ये जार विश्व के सबसे बड़े जार है जो गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।
  • इन्होंने मदनमोहन मालवीय का जयपुर में भव्य स्वागत किया तथा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 5 लाख रुपये दिये।
  • माधोसिंह द्वितीय ने जयपुर के सिटी पैलेस में मुबारक महल का निर्माण करवाया जो इस्लामिक तथा ईसाई शैली में निर्मित है।
  • इन्होंने नाहरगढ़ दुर्ग में अपनी नौ पासवानों के लिए नौ सुन्दर महलों का निर्माण करवाया।
  • माधोसिंह II ने वृंदावन में माधव बिहारी जी के मंदिर का निर्माण करवाया।
  • माधोसिंह II के कोई पुत्र न हाेने पर इन्होंने ईसरदा के ठाकुर सवाईसिंह के पुत्र मोरमुकुट सिंह को गोद लेकर अपना उत्तराधिकारी घोषित किया।




     

सवाई मानसिंह द्वितीय (1922-1949 ई.)  

  • महाराजा माधोसिंह II के पश्चात मोरमुकुट सिंह 1922 में सवाई मानसिंह II के नाम से जयपुर के शासक बने।
  • इन्होंने अपने प्रधानमंत्री मिर्जा इस्माईल की सहायता से जयपुर को आधुनिक रूप दिया तथा अपने नाम से हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज, स्कूल तथा स्टेडियम आदि बनवाये।
  • ये पोलो के एक अच्छे खिलाड़ी थे जिससे इन्होंने विश्वभर में प्रसिद्धि प्राप्त की।
  • इनकी एक रानी कूच बिहार के शासक की पुत्री गायत्री देवी थी जिसके लिए इन्होंने मोती डूंगरी पर तख्त-ए-शाही महलों का निर्माण करवाया।
  • मानसिंह II ने जयपुर में सिटी पैलेस म्यूजियम की स्थापना की।
  • 30 मार्च, 1949 को इन्हें वृहत राजस्थान का प्रथम रामप्रमुख बनाया गया।
  • वर्ष 1960 में ये राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा 1965 में इन्हें स्पेन में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया ।




     

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