JET ICAR Horticulture Questions Part-5

प्रष्न इसबगोल का कुल:-

उत्तर प्लान्टेजिनेसी।

प्रष्न गरीब का सेव कहलाता है:-
उत्तर बेर।

प्रष्न नीमगिरी में तेल की मात्रा व अजाडिरेक्टिन की मात्रा क्रमशः होती है:-
उत्तर 40-50% व 0.3-0.35%

प्रष्न बेर के लिये उपयुक्त जलवायु।
उत्तर शुष्क एवं गर्म।

प्रष्न इसबगोल का उत्पत्ति स्थल:-
उत्तर परसिया



प्रष्न बेर की झाड़ियाँ फल देने के बाद किस ऋतु में सुषुप्तावस्था में चले जाते है:-

उत्तर ग्रीष्मकाल।

प्रष्न बेर में कलिकायन हेतु उपयुक्त:-
उत्तर देशी व विदेशी (जिजिफस रोण्टेडिफोलिया)

प्रष्न नीम में R×R व P×P दूूरी रखते है:-
उत्तर 10×10 मी.

प्रष्न गमिंग मशीन का उपयोग करते है:-
उत्तर लेबल लगाने में।

प्रष्न बेर में कलिकायन हेतु व्यावसायिक प्रवर्धन की विधि।
उत्तर शील्ड एवं आई कलिकायन।

प्रष्न वृक्षों पर चूने का लेप करके बचाया जा सकता है:-
उत्तर लू व गर्म हवाओं से ।

प्रष्न भारत के किस राज्य में सर्वाधिक आम का उत्पादन होता है:-
उत्तर U.P.

प्रष्न नीम के कितने पुराने वृक्ष पर फल बनते है:-
उत्तर 3-5 वर्ष

प्रष्न बेर के पौधे लगाने हेतु गड्डों का आकार:-
उत्तर 1×1×1 मी.



प्रष्न नीम के एक वृक्ष से अनुमानतः एक वर्ष में कितने फल प्राप्त हो जाते है:-

उत्तर 60 kg

प्रष्न तुलसी पादप में औषाीय महत्व का भाग है:-
उत्तर पत्तियाँ व बीज।

प्रष्न बेर के वृक्षों में वर्ष के किस माह में वृन्तन या कटाई-छंटाई करते है:-
उत्तर अप्रेल-मई।

प्रष्न बेर की कटाई-छंटाई के बाद शाखाओं पर किसका लेप करते है:-
उत्तर 4 बलाइटाॅक्स . 50

प्रष्न राजस्थान में सर्वाधिक आम का उत्पादन:-
उत्तर बांसवाड़ा।

प्रष्न वर्षा का अधिक होना कहलाता है:-
उत्तर अतिवृष्टि।

प्रष्न आम किस विटामिन का अच्छा स्त्रोत है:-
उत्तर A व C

प्रष्न किस औषधीय पादप को नित्य जल चढ़ाना ही पुनित कार्य माना जाता है:-
उत्तर तुलसी

प्रष्न बेर का मुख्य कीट:-
उत्तर फलमक्खी।

प्रष्न आम की सफल खेती हेतु उपयुक्त जलवायु:-
उत्तर उष्ण व उपोष्ण

प्रष्न बेर के फलों की उपज वर्ष के किस माह में मिलती है:-
उत्तर जनवरी-मार्च



प्रष्न निम्न में से कौनसे देश में तुलसी की खेती व्यवसायिक स्तर पर की जाती है:-

उत्तर U.P.

प्रष्न बेर की सिंचित व असिंचित क्षेत्रों में प्रति पेड़/वर्ष उपज प्राप्त हो
उत्तर 50-60 kg तथा 60-150kg प्रति पेड़/वर्ष

प्रष्न मानव में आई शिथिलता, माताओं का दूध बढ़ाने एवं प्रसव पश्चात होने वलो रोगों की औषधीय हेतु उपयुक्त पौधा है:-
उत्तर सफेद मूसली।

प्रष्न सफेद मूसली में औषधीय महत्व वाला भाग हे:-
उत्तर कन्दिल जड़े।

प्रष्न FPO कम लागू हुआ:-
उत्तर 1955 में

प्रष्न सफेद मूसली की जड़ों में पाये जाने वाला औषधीय महत्व का अवयव।
उत्तर सेपोनीन।

प्रष्न एकान्तर फलन की समस्या किसमें है:-
उत्तर आम।

प्रष्न सफेद मूसली हेतु उपयुक्त जलवायु।
उत्तर गर्म व आर्द्र

प्रष्न भारत में प्रथम परिरक्षण प्रयोगशाला (परीक्षण उद्योग शाला) कब व कहाँ स्थापित हुई ?
उत्तर 1920ए मुम्बई

प्रष्न सफेद मूसली का B.N. है:-
उत्तर क्लोरोफाइटम बोरीविलिएनम।

प्रष्न छुंवारे किसके फल को सुखाकर बनाये जाते है:-
उत्तर खजूर

प्रष्न अनाजों की रानी:-
उत्तर मक्का

प्रष्न सब्जियों की रानी:-
उत्तर भिण्डी।

प्रष्न आम की वृद्धि हेतु सर्वाािध्क उपयुक्त तापक्रम:-
उत्तर 24-28°C

प्रष्न हमारे देश में कितने प्रतिशत ;लगभगद्ध फल व सब्जियाँ तुड़ाई उपरान्त खराब हो जाती है:-
उत्तर 25-30%

प्रष्न आम की अच्छी बढ़वार व फलन के लिये सर्वाधिक उपयुक्त मृदा है:-
उत्तर गहरी बलुई दोमट।



प्रष्न हमारे देश में फल व सब्जी के कुल उत्पादन का कितना प्रतिशत भाग परिरक्षण में काम लिया जाता है:-

उत्तर 2%

प्रष्न आम का उत्पत्ति क्षेत्र है:-
उत्तर भारत-बर्मा क्षेत्र।

प्रष्न आम का फुलः-
उत्तर एनाकार्डिएसी

प्रष्न मैंजीफेरा इण्डिका बा. नाम है:-
उत्तर आम

प्रष्न आम की बीज रहित किस्म:-
उत्तर सिन्धु।

प्रष्न खजूर में प्रवर्धन की सर्वोत्तम विधि है:-
उत्तर अन्तः भू स्तारी या सर्कस द्वारा

प्रष्न किसके बीजों में हरा रंजक द्रव्य (राजमोम, एल्यूमीन, पेक्टिन शर्करा एवं लुवाब द्रव्य) होता है:-
उत्तर ईसबगोल

प्रष्न खजूर का उत्पत्ति स्थल:-
उत्तर खाड़ी देश (ईराक)

प्रष्न तुलसी का व्यावसायिक स्तर पर प्रवर्धन करते है:-
उत्तर बीज द्वारा।

प्रष्न ईसबगोल की बुवाई का उपयुक्त समय:-
उत्तर 10 अक्टूबर- 10 नवम्बर।

प्रष्न लहसुवा का उत्पत्ति स्थल है:-
उत्तर भारत

प्रष्न सकर्स खजूर के कितने वर्ष पुराने पौधे के तने के पास निकलते है:-
उत्तर 4-5 वर्ष पुराने।

प्रष्न खजूर में त्×च् की दूरी व गड्डे का आकार क्रमश रखते है:-
उत्तर 8×8 मी. व 1×1×1 मी.

प्रष्न किस फल के गूदे से गोंद बनता है:-
उत्तर लहसुवा

प्रष्न खजूर के बगीचे में नर व मादा पौधों का अनुपात रखा जाता है:-
उत्तर 1 : 10

प्रष्न G-I-2 (गुजरात ईसबगोल&2) R.I.-B9 किस औषधीय पादप की उन्न किस्मे है:-
उत्तर ईसबगोल।

प्रष्न खजूर के एक पौधे से एक वर्ष में कितने सर्कस प्राप्त होते है:-
उत्तर 2-3

प्रष्न ईसबगोल में कतार से कतार की दूरी रखते है:-
उत्तर 25-30 सेमी.

प्रष्न तुलसी के पौधे की ऊँचाई होती है:-
उत्तर 1-3 फीट

प्रष्न लहसुवा का B.N.
उत्तर फोर्डिया डाइकोटेमा

प्रष्न सर्वाधिक कार्बोहाइड्रेट होता है:-
उत्तर खजूर 64% केला 27%

प्रष्न लहसुवा किस कुल से सम्बन्धित है:-
उत्तर बोराजिनेसी



प्रष्न ईसबगोल के पौधे की लम्बाई व इससे निकलने वाले कल्लों की संख्या क्रमशः है:-

उत्तर 90 सेमी. व 20-95 कल्ले।

प्रष्न हलावी, मेघझूज, खदरावी, बरही, शामरान इत्यादि किस्में किस फल वृक्ष की से सम्बन्ध्तिा है:-
उत्तर खजूर।

प्रष्न भारत के किस राज्य में सर्वाधिक खजूर का उत्पादन होता है:-
उत्तर राजस्थान

प्रष्न ईसबगोल का विश्व में सर्वाधिक उत्पादक एव ंनिर्यातित देश है:-
उत्तर भारत

प्रष्न किस फलवृक्ष के लिये ‘‘सिर पर आग व जड़े पानी में कहावत उयुक्त है:-
उत्तर खजूर

प्रष्न ईबसगोल के बीजांकुरण के लिए सर्वाधिक उपयुक्त तापक्रम है:-
उत्तर 20-25°C

प्रष्न आर-आर.एल.ओ.सी.11, 02, 08, 07, 011 इत्यादि प्रजातियाँ है:-
उत्तर तुलसी (R.R.L.O.C. 12, 14 कोसीमम)

प्रष्न तुलसी के एक फल से कितने बीज प्राप्त होते हैः-
उत्तर 18

प्रष्न खजूर के फलों के गुच्छे पर इथरेल की कितनी सान्द्रता के छिड़काव करने से फल शीघ्र पकते है एवं फल उच्च गुणवत्ता वाले होते हैः-
उत्तर 1000 ppm या 500-1000 ppm

प्रष्न खजूर के फल -विकास की वह अवस्था जिसमे ंफल पूरा पककर गिर जाये:-
उत्तर पिण्ड या लमर

प्रष्न लहसुवा में प्रवर्धन की सर्वोत्तम विधि है:-
उत्तर कलिकायन

प्रष्न अंगूर का B.N. है:-
उत्तर वाइटिस विनिफेरा

प्रष्न तुलसी की ख्ेाती से प्रथम वर्ष एवं बाद के वर्षो में होने वलो शकीय उत्पादन क्रमशः है:-
उत्तर 400 क्वि/है. व 700 क्वि./है.

प्रष्न लहसुवा रोपण के कितने वर्ष बाद उपज देना प्रारम्भ कर देता है:-
उत्तर 5 वर्ष

प्रष्न तुलसी के पौधों में पुष्पन व फल पकने का समय क्रमशः हैः-
उत्तर सितम्बर-अक्टूबर, नवम्बर-दिसम्बर

प्रष्न किस फल वुक्ष के फलों का आचार व सब्जी तथा पत्तों से पत्तल व दोने बनाये जाते है:-
उत्तर लहसुवा

प्रष्न तुलसी के बीजों में कितने समय की सुषुप्तावस्था होती है:-
उत्तर 8-12 सप्ताह

प्रष्न राजस्थान के किस जिले में अंगूर का सर्वाधिक उत्पादन होता है:-
उत्तर श्रीगंगानगर।

प्रष्न किस फलवृक्ष का वायुवरोधी रूप में रोपण करते है:-
उत्तर लहसुवा।

प्रष्न खजूर में परागकण होता है:-
उत्तर कृत्रिम रूप से।

प्रष्न खजूर की किस अवस्था में फल हरे व विकसित अवस्था में कड़े होते है:-
उत्तर गंडोरा या कीमरी

प्रष्न एक है. में ईसबगोल की बुवाई हेतु बीजों की आवश्यकता:-
उत्तर 3-10 kg/

प्रष्न हमारे देश में खजूर को किस अवस्था में तोड़ते है:-
उत्तर डोका



प्रष्न ईसबगोल किस ऋतु की फसल है:-

उत्तर सर्द ऋतु

प्रष्न तुलसी की कटाई कि ििकतने दिनों पूर्व सिंचाई कर देनी चाहिये:-
उत्तर 10 दिन

प्रष्न ईसबगोल के बीजों का अंकुरण बुवाई के कितने दिनों बाद होता है:-
उत्तर 6-10 दिन।

प्रष्न खजूर के विकास की अवस्था में फल पूर्ण विकसित कोश ठोस व लाल रंग के हो जाते है:-
उत्तर डोका या खलल।

प्रष्न इसबगोल की औसत पैदावार होती है:-
उत्तर 8-10 क्विं./है. एवं 2.5-3 क्विं. भूमि

प्रष्न समुद्रतल की कितनी ऊँचाई तक तुलसी की खेती की जाती है:-
उत्तर 900 मीटर

प्रष्न खजूर के 10-15 वर्ष की आयु एवं 16-40 वर्ष की आयु के फलवृक्षों से कितने kg फल 1 वृक्ष से प्राप्त हो जाते है:-
उत्तर 50-75 kg एवं 100 kg

प्रष्न ईसबगोल की फसल कितने दिनों में तैयार हो जाती है:-
उत्तर 120 दिन

प्रष्न खजूर के फल विकास की किस अवस्था में फुलों का शीर्ष मुलायम हो जाता है:-
उत्तर डेंग या रूतम

प्रष्न आम में उन्नत विधियों द्वारा प्रवर्धित किये गये पौधों का रोपण करना चाहिये:-
उत्तर जुलाई-अगस्त (वर्षा ऋतु)

प्रष्न सफेद मूसली का कुल हैै:-
उत्तर लिलिऐसी

प्रष्न जब पुष्प में वर्तिका लम्बी व विपरीत हो तो स्थिति कहलाती है।
उत्तर विषमवर्तिकाग्र

प्रष्न आम का मुख्य कीट:-
उत्तर मिलिबग

प्रष्न भारत के किस राज्य में सफेद मूसली की सर्वाधिक खेती है:-
उत्तर मध्यप्रदेश

प्रष्न आम के एक व्यावसायिक पौधे का उत्पादन कितना है:-
उत्तर 80-100 kg/पौधा या 19टन/है.

प्रष्न फलवृक्षों के फूलों में नर व मादा फुलों के अलग-अलग पकने को:-
उत्तर डाइकोगेमी (भिन्नकाल परिपक्वता)

प्रष्न एकान्तर फलन में जिस वर्ष आम की अचछी उपज प्राप्त होती है, कहलाता है:-
उत्तर आॅन ईयर

प्रष्न आम में जिस वर्ष उपज कम या नहीं होती है, उसे कहते है:-
उत्तर आॅफ ईयर

प्रष्न सफेद मूसली का उत्पत्ति स्थल है:-
उत्तर अफ्रीका।

प्रष्न अलफासों, लंगड़ा, दशहरी, मुम्बई हरा, केसर, अरका अरूण, अरका अनमोल, अरका पुनीत इत्यादि किस्में किस फलवृक्ष की है:-
उत्तर आम

प्रष्न सफेद मूसली में बीज द्वारा प्रवर्धन करने हेतु बीजों की बुवाई का उपयुक्त समय।
उत्तर जून-माह का द्वितीय सप्ताह।

प्रष्न अधिकांश एन्जाइम किस pH पर सक्रिय रहते हैः-
उत्तर 4.5-8.0



प्रष्न सफेद मूसली में बीजों का अंकुरण कितने दिन में हो जाता है:-

उत्तर 10-12 दिन।

प्रष्न आम में मीलिबग को रोकने का प्रभावी उपायः-
उत्तर पेड़ के चारों और पाॅलिथीन सीट लगाकर उस पर ग्रीस लगाना।

प्रष्न पुष्प में नर जनांगों का पहले पकना कहलाता है:-
उत्तर प्रोटोएण्ड्री

प्रष्न आम में ड्राउनी मिल्ड्यू अथवा चूर्णी फफूंद के नियंत्रण हेतु छिड़काव करते है:-
उत्तर केराथेन

प्रष्न सफेद मूसली में किस माह में पौधे नर्सरी से खते में लगाने हेतु योग्य हो जाते है:-
उत्तर जुलाई माह में।

प्रष्न फल सब्जियों के अस्थाई परिरक्षण में कितने से कम तापमान पर रखने पर उत्पाद खराब नहीं होते है:-
उत्तर 10 से कम

प्रष्न सफेद मूसली की कितने ग्राम की कंदिल जड़े बुवाई के लिये उपयुक्त रहती है:-
उत्तर 5-10 ग्राम

प्रष्न आम का चूर्णी-फफूंद रोग किस कवक के कारण होता है:-
उत्तर ओर्डियम मैंजीफेरा से।

प्रष्न सफेद मूसली में कन्दिल जड़ों की एक है. बुवाई हेतु कितनी कन्दिल जड़ों की आवश्यकता होगीः-
उत्तर 400-600 kg/

प्रष्न मादा जननांगों का नर जननांगों की तुलना मे ंपहले पकने को कहते है:-
उत्तर प्रोटोगायनी।

प्रष्न प्रोटोएण्डी एवं प्रोओगायनी के उदाहरण क्रमशः हैः-
उत्तर सीताफल, चीकू।

प्रष्न आम के वृक्ष अनवरत् रूप से वृद्धि नहीं करते इसके वृद्धि के स्वभाव को क्या कहते है:-
उत्तर फ्लश

प्रष्न सफेद मूसली की खुलाई बुवाई के कितने समय बाद करते है:-
उत्तर 80-90 दिन बाद (अक्टूबर-नवम्बर)

प्रष्न आम में अच्छे उत्पादन हेतु फूल आने के लिये:-
उत्तर आॅक्सीजन व निरोध तत्वों की मात्रा अधिक तथा जिब्रलिन की मात्रा कम होनी चाहिये।

प्रष्न अस्थायी परीरक्षण में कितने अधिकतम तापमान से फल पदार्थो को परिरक्षित किया जा सकता है।
उत्तर 160-180°F

प्रष्न सफेद मूसली की अधिकतम ऊँचाई होती है:-
उत्तर 1.5 फीट

प्रष्न सफेद मूसली की कोनसी प्रजाति राज. में पायी जाती है:-
उत्तर क्लोरोफाइटम बोरीविलिएनम

प्रष्न अधिकांश एंजाइमो की समुचित क्रिया कितने तापक्रम पर होती है:-
उत्तर 30-40°C

प्रष्न अस्थायी परिरक्षण हेतु नमक की मात्रा लेते है:-
उत्तर 6-8%

प्रष्न आई.आई.वी.आर (IIVR-Indian Institutie of Vegetable of Agricultural Research) देश में कहाँ स्थित है:-
उत्तर वाराणसी

प्रष्न सेन्ट्रल इन्स्टीट्यूट फाॅर सब-ट्राॅपिकल हाॅर्टीकल्चर(CISH) स्थित है।
उत्तर रहमान खेड़ा, लखनऊ।

प्रष्न सेन्ट्रल इन्स्टीट्यूट आॅफ एरिड़ हाॅर्टीकल्चर (CIAH) स्थित है:-
उत्तर बीकानेर।

प्रष्न बैंगन एवं टमाटर में प्रति है. बीज दर (पौधे लगाने हेतु)
उत्तर 400-550 ग्राम



प्रष्न पोमोलाॅजी में किसका अध्ययन किया जाता है:-

उत्तर फलों की खेती का।

प्रष्न फ्लोरीकल्चर में किसका अध्ययन किया जाता है:-
उत्तर फूलों की खेती का।

प्रष्न ओलेरीकल्चर में अध्ययन करते है:-
उत्तर सब्जियों की खेती का।

प्रष्न लीची में वानस्पतिक प्रसारण की सर्वोत्तम विधि।
उत्तर गूटी (एयर लेयरिंग) द्वारा

प्रष्न साॅस बनाने में सिरका का प्रयोग क्या बढ़ाने के लिये करते है:-
उत्तर अम्लीयता एवं स्वाद में

प्रष्न करौंदा का वानस्पतिक नाम है:-
उत्तर कैरिसा करण्डस

प्रष्न किसके ताजे फल खाने व सूखाकर किसमिश बनाने में काम में:-
उत्तर अंगूर

प्रष्न बेल का उत्पत्ति स्थल है:-
उत्तर भारत

प्रष्न आंवला का कुल:-
उत्तर यूफोरबिएसी

प्रष्न करौंदा का कुल है:-
उत्तर एपोसाइनेंसी

प्रष्न अंगूर के पौधों की उचित वृद्धि हेतु सर्वाधिक तापमान है:-
उत्तर 28-32°C

प्रष्न किसके फल ग्रीष्म ऋतु में शीतलता प्रदान करने वाले तथा क्षुधावर्धक होते है:-
उत्तर फालसा

प्रष्न आवंले में विटामिन ब् की मात्रा पायी जाती है:-
उत्तर 600-700mg/100 gram गूढ़ा

प्रष्न फालसा के लिए उपयुक्त जलवायु है:-
उत्तर उपोष्ण

प्रष्न परलेट,पूसा सीड़लैस, थाॅम्सन सीड़लैस, बलैक प्रिस, ब्यूटी सीड़लैस, दाख कन्धारी बैंगलोर ल्यू, अर्का कंचन, अर्का श्याम, अंर्का हंस किस्म है:-
उत्तर अंगूर

प्रष्न अंगूर के प्रवर्धन की विधि है:-
उत्तर कलम द्वरा

प्रष्न फालसे का पौधा किस ऋतु में पत्तियाँ गिराकर सुषुप्तावस्था में जाता है:-
उत्तर शीत ऋतु में

प्रष्न फाल्से का प्रवर्धन किया जाता है:-
उत्तर बीज द्वारा।

प्रष्न आंवले में प्रवर्धन की व्यवसायिक विधि है:-
उत्तर कलिकाय (पेंच या वलय)

प्रष्न अंगूर की कलमों में शीघ्र जड़े निकालने हेतु किसके घोल में डूबोते है ?
उत्तर IBA या IAA (200 ppm)

प्रष्न फालसा में R×R व P×P दूरी रखी जाती है:-
उत्तर 3×3 मी.

प्रष्न आवंले की किस किस्म में आन्तरिक उत्तक क्षय अधिक पाया जाता है:-
उत्तर फ्रांसिस (हाथी झूल)

प्रष्न फलों को सुखाने हेतु जिस मशीन को काम में लेते है, उसे कहते है:-
उत्तर डिहाइड्रेजर



प्रष्न किस फलवृक्ष में किस्मों के अभाव में दो वर्ग (A) शर्बती-मीठी किस्म (B) खट्टा या कड़वा-खट्ठी किस्म देखने को मिलती है:-

उत्तर फालसा

प्रष्न अंगूर में प्रवर्धन की सर्वोत्तम विधि है:-
उत्तर कठोर तना कलम (Cutting)

प्रष्न नरेन्द्र बेल&1, 5, 7, 9 किस्में सम्बन्धित है:-
उत्तर बेल या बिल्व की।

प्रष्न अंगूर में पौध रोपण का उपयुक्त समय:-
उत्तर जनवरी

प्रष्न चकैया, बनारसी, फ्रांसिस (हाथीझूल) कंचन (NA-4) NA-7 कृष्णा, बलब GAI इत्यादि किस्में हैः-
उत्तर आंवला

प्रष्न अंगूर के प्रवर्धन हेतु कलमों की लम्बाई रखते है:-
उत्तर 30 cm

प्रष्न फाल्से में बीज द्वारा लगाये गये पौधे कितने माह में रोपण योग्य हो जाते है:-
उत्तर 7-8 माह

प्रष्न बेर में प्रवर्धन की सर्वोत्तम विधि है:-
उत्तर पैंच कलिकायन।

प्रष्न अंगूर में R×R व P×P दूरी क्रमशः है:-
उत्तर 90 सेमी 30 सेमी. (नर्सरी)

प्रष्न करौंदा में प्रवर्धन किया जाता है:-
उत्तर बीज द्वारा

प्रष्न लवणीय मृदा व जल की समस्याग्रस्त क्षेत्रों में अंगूर में प्रवर्धन कौनसे लवण रोधक मूलवृन्त का उपयोग कलिकायन करने हेतु करते है:-
उत्तर डोगरिज

प्रष्न अंगूर के पौधे लगाने हेतु R×R व P×P दूरी:-
उत्तर 3×3 मी.

प्रष्न बेल में कलिकायित पौधों में कितने वर्ष बाद फलन होता है:-
उत्तर 4-5 वर्ष बाद
प्रष्न फालसा के पौधे से कितनी उपज प्रतिवर्ष प्राप्त होती है:-
उत्तर 4-5 किलोग्राम/वृक्ष

प्रष्न अंगूर के पौधे लगाने के 2-3 वर्ष तक उनको निश्चित आकार देने के लिए कटाई की जाती है, उसे कहते है:-
उत्तर संधाई या टेªनिंग।

प्रष्न आंवला में आन्तरिक उत्तक क्षय किस तत्व की कमी के कारण होता है:-
उत्तर बोराॅन।

प्रष्न फालसे का आपसी अन्तर रखते है:-
उत्तर 3×3 मी.

प्रष्न आंवलें का आपसी अन्तर रखते है:-
उत्तर 8×8 मी
.
प्रष्न अंगूर में संधाई का मुख्य उद्देश्य है:-
उत्तर अंगूर की बेलों का एक निश्चित ढ़ाँचा तैयार करना।

प्रष्न आवंला की प्रमुख व्याधि है:-
उत्तर आंवला रस्ट

प्रष्न फालसा के फल किस माह में पकते है:-
उत्तर अप्रेल मई



प्रष्न फालसा में कटाई-छटाई का कार्य किस माह में जमीन से 60 – 90 cm की ऊँचाई तक करना चाहिये:-

उत्तर दिसम्बर के अन्त में जनवरी तक।

प्रष्न बेर में पुष्पन का समय है:-
उत्तर मई-जून

प्रष्न आंवला रस्ट का रोगकारक है:-
उत्तर रेवीनेलिया एम्बालीसी नामक कवक

प्रष्न दक्षिणी भारत में अंगूर की संधाई के लिये किस विधि का प्रयोग अधिक किया जाता है:-
उत्तर पाण्डाल विधि।

प्रष्न करौंदा में फल आने व पकने का समय क्रमशः हैः-
उत्तर बसंत ऋतु व वर्षा ऋतु के प्रारम्भ में।

प्रष्न अंगूर की कटाई-छटाई की जाती है:-
उत्तर जनवरी माह

प्रष्न बेर में फूल आने के कितने माह बाद फल पककर तैयार हो जाते है:-
उत्तर 9-10 माह

प्रष्न करौंदे की एक पूर्ण परिपक्व झाड़ी से कितने फल प्राप्त हो जाते है:-
उत्तर 4-5 kg/ध्झाड़ी।

प्रष्न बेर में कलिकायन किये हुये पौधों का रोपण का उपयुक्त समय:-
उत्तर जुलाई-अगस्त।

प्रष्न आवंले में आन्तरिक उत्तक क्षय के नियंत्रण हेतु सितम्बर के प्रारम्भ में बोरेक्स का 3 बार 15 दिन के अन्तराल पर छिड़काव करना चाहिये।
उत्तर 0.6%

प्रष्न पूण परिपक्व तना कलम कितने वर्ष पुरानी लकड़ी से प्राप्त करते है:-
उत्तर 1 वर्ष

प्रष्न शाकीय कलम का कितना भाग भूमि में दबा देते है:-
उत्तर 1/2

प्रष्न अर्द्ध परिपक्व तना कलम से किस वृक्ष के पौध तैयार किये जा सकते है:-
उत्तर अनार व अंजीर

प्रष्न कलमों को पौधशाला में 2/3 भाग भूमि में दबाकर कितने अन्तराल पर लगाते है।
उत्तर 30×10 मी.

प्रष्न अंगूर में कोनसे वर्ष से उपज मिलना प्रारम्भ हो जाती है:-
उत्तर 4 वर्ष बाद

प्रष्न करौंदे की व्यावसायिक खेती के लिए आपसी दूरी व गड्डे का आकार क्रमशः रखते है:-
उत्तर 3×3 मी. तथा 60×60×60 सेमी.

प्रष्न कायिक प्रवर्धन द्वारा तैयार किया गया आंवलें का पौधा कितने वर्ष पश्चात् फल देना प्रारम्भ कर देता है:-
उत्तर तीन वर्ष बाद



प्रष्न उत्तरी भाग में अंगूर में फूल आने का समय व पके हुये प्राप्त करने का समय क्रमश है:-

उत्तर मार्च-अपेल व मई से जुलाई।

प्रष्न अंगूर में संधाई की सबसे पुरानी, आसान व सस्ती विधि है:-
उत्तर शीर्ष

प्रष्न पूर्ण तना फलन से जड़े निकलकर कितने दिन बाद पौधा तैयार हो जाता है:-
उत्तर 60-70 दिन

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