करौली का इतिहास
- यादवों का अन्य राज्य करौली में था। इस रियासत का कुछ भाग मत्स्य जनपद में तथा कुछ भाग सूरसेन जनपद में आता था।
- करौली में यदु वंश के शासन की स्थापना विजयपाल यादव द्वारा 1040 ई. में की गई। यहाँ के शासक तिमनपाल ने तिमनगढ़ दुर्ग का निर्माण करवाया। मुहम्मद गौरी ने यहाँ के शासक कुँवरपाल को हरा तिमनगढ़ दुर्ग पर कब्जा कर लिया था।
- 1327 ई. में अर्जुनपाल यादव ने मुस्लिमों से छीनकर यहाँ पुनः यादवों का शासन स्थापित किया। उसने 1348 ई. में कल्याणपुर नगर बसाया जो अब करौली के नाम से जाना जाता है।
- 1650 ई. में धर्मपाल-द्वितीय ने करौली को अपनी राजधानी बनाया। 1817 ई. में करौली नरेश ने ब्रिटिश सरकार से संधि कर ली तथा करौली अंग्रेजों के संरक्षण में आ गया।
- सन् 1857 के स्वतंत्रता आन्दोलन में कोटा नरेश को स्वतंत्रता सेनानियों के कब्जे से मुक्त कराने हेतु करौली राज्य की सेना भेजी गई थी।
- स्वतंत्रता के बाद करौली रियासत मत्स्य संघ में मिल गई जो अंततः राजस्थान का हिस्सा बनी। उसके बाद करौली को सवाईमाधोपुर जिले में शामिल किया गया। 19 जुलाई, 1997 को करौली पृथक् जिला (32वाँ) बना।
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