महाराणा राजसिंह (1652-80 ई.)
- महाराणा जगतसिंह के पुत्र राजसिंह का राज्याभिषेक 10 अक्टूबर, 1652 ई. को हुआ।
- इन्होंने गोमती नदी के पानी को रोककर राजसंमद झील का निर्माण करवाया। इसी झील के उत्तर में नौ चौकी पर 25 शिलालेखों पर संस्कृत का सबसे बड़ा शिलालेख ‘राज-प्रशस्ति’ अंकित है, जिसके लेखक रणछोड़ भट्ट तैलंग है।
- राजसिंह ने किशनगढ़ की राजकुमारी चारूमति से विवाह किया जिससे औरगंजेब स्वयं विवाह करना चाहता था। अतः दोनों मे कटुता उत्पन्न हुई।
- महाराणा राजसिंह ने 1664 ई. में उदयपुर में अम्बा माता का तथा कांकरोली में द्वारिकाधीश मंदिर बनवाया।
- महाराणा राजसिंह रणकुशल, साहसी, वीर, निर्भीक, सच्चा क्षत्रिय, बुद्धिमान, धर्मनिष्ठ और दानी राजा था। उसने महाराणा जगतसिंह द्वारा प्रारंभ की गई चित्तौड़ के किले की मरम्मत का कार्य जारी रखा और बादशाहऔरंगजेब के 2 अप्रेल, 1679 को हिन्दुओं पर जजिया लगाने, मूर्तियाँ तुड़वाने आदि अत्याचारों का प्रबल विरोध किया।
- जोधपुर के अजीतसिंह को अपने यहाँ आश्रय दिया और जजिया कर देना स्वीकार नहीं किया।
महाराणा जयसिंह (1680-1698 ई.)
- इन्होंने 1687 ई. में गोमती, झामरी, रूपारेल एवं बगार नामक नदियों के पानी को रोककर ढेबर नामक नाके पर संगमरमर की जयसमंद झील बनवाना प्रारंभ किया गया जो 1691 ई. में बनकर तैयार हुई।
- इसे ढेबर झील भी कहते हैं।
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