मेवाड़ का इतिहास

 




मेवाड़ का इतिहास – 12

राणा कुंभा का गुजरात से संबंध-

  • राणा कुंभा के समकालीन गुजरात में कुल 5 शासक आये।
  • 1455 ई. में गुजरात शासक कुतुबुद्दीन शाह ने कुंभलगढ़ पर असफल आक्रमण किया।
  • चंपानेर संधि- 1456 ई.
  • मध्य- गुजरात- मालवा
  • कुतुबुद्दीन शाह- महमुद खिलजी-I
  • इस संधि में कुतबुद्दीन शाह को निमंत्रण महमुद खिलजी-I द्वारा चांद खाँ के माध्यम से भेजा गया।




चंपानेर संधि के तहत गुजरात व मालवा की संयुक्त सेना 1457 ई. में कुंभा पर आक्रमण किया।

  • बदनौर युद्ध / बैराठगढ़ का युद्ध- 1457 ई.
  • स्थान- भीलवाड़ा
  • मध्य- राणा कुंभा- महमुद खिलजी-I व कुतुबुद्दीन शाह
  • विजेता- राणा कुंभा
  • कुंभा ने बदनौर विजय के उपलक्ष में कुशालमाता मंदिर- बदनौर- भीलवाड़ा का निर्माण करवाया।
  • 1458 ई. में राणा कुंभा ने नागौर शासक शम्स खाँ के उपर आक्रमण किया।
  • शम्स खां ने अपनी पूत्री नगा का विवाह गुजरात शासक कुतुबुद्दीन शाह के साथ कर सैनिक सहायता मांगी।
  • 1458 ई. में शम्स खाँ व गुजरात की संयुक्त सेना को राणा कुंभा ने पराजित कर नागौर पर अधिकार किया।
  • 1458 ई. में आबु कुन्थन देव की सहायता से कुतुबुद्दीनशाह ने राणा कुंभा पर असफल आक्रमण किया।
  • 25 दिसम्बर 1458 ई. को कुतुबुद्दीन शाह की मृत्यु हुई।
  • कुतुबुद्दीनशाह की मृत्यु के पश्चात गुजरात शासक दाऊद खां बना।
  • 1459 ई. में दाऊद खां के स्थान पर गुजरात शासक फतेह खां बना जो मुहम्मद शाह बेगड़ा के नाम से प्रसिद्ध है।
  • 1460 ई. में मुहम्मद शाह बेगड़ा ने जुनागढ़(GJ) शासक मण्डुलिक के उपर आक्रमण किया।
  • मण्डुलिक राणा कुंभा का दामाद था। कुंभा की पूत्री का नाम रमाबाई/ वागीश्वरी था।
  • 1460 ई. कुंभा व मण्डुलिक की सेना ने बेगड़ा को पराजित किया।




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